उत्तर प्रदेशलखनऊ

बिना लाइसेंस के चल रही ट्रैवेल एजेंसियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई, आरटीओ ने दिए निर्देश

लखनऊ। राजधानी के साथ ही प्रदेश भर में टिकटों की बुकिंग करने वाली अवैध ट्रैवेल एजेंसियां पैसेंजर्स से मनचाहा किराया वसूल रही है। ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर मनमाना किराया वसूला जाता है। इसके साथ ही अवैध कंपनियां अपने यहां से बुकिंग कराने वालों का किसी तरह को डेटा भी नहीं रखती है जिससे किसी तरह की अनहोनी घटना होने पर संबंधित व्यक्ति के बारे में जानकारी मिल सके। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। परिवहन विभाग ने अवैध ट्रैवेल एजेंसियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इन लोगों को आरटीओ ऑफिस से लाइसेंस लेने का दस दिन का समय दिया गया है। इसके बाद अवैध मिलने वाली ट्रवेल एजेंसियों को नोटिस देकर बंद कराया जाएगा।

पब्लिक को नहीं मिल पाती सही जानकारी

विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रदेश भर में अवैध ट्रवेल एजेंसियों का धंधा खूब फलफूल रहा है। इनका सारा कारोबार ऑनलाइन होता है। ऐसे में यह सही है या गलत, इसकी जानकारी भी लोगों को नहीं मिल पाती है। वाहनों की बुकिंग के साथ ही बसों की टिकट भी यह अवैध ट्रवेल एजेंसी वाले बुक कर कर हैं।

बसों की बुकिंग के नाम पर पैसेंजर्स से मनमाना किराया लेते है और उनके लिए डग्गामार बसों की बुकिंग करते हैं। इसका खामियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ता है। कई बार यह एजेंसी संचालक पैसेंजर्स के टिकट फर्जी ऑनलाइन नंबर से भी बुक कर देते हैं। ऐसे में किसी तरह की अप्रिय घटना होने पर संबंधित जानकारी उसके परिजनों तक नहीं पहुंच पाती है।

अगले एक महीने में प्रदेश भर की सभी ट्रवेल एजेंसिया आरटीओ ऑफिस से मिलने वाला लाइसेंस ले ले। इसके बाद शहर में इनके खिलाफ अभियान चलेगा। अवैध ट्रवेल एजेंसियों को बंद कराया जाएगा

…धीरज साहू, परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश।

नहीं है ऑफिस, ऑनलाइन हो रहा है काम

ऑनलाइन शो कर रही अवैध ट्रवेल एजेंसियों के ऑफिस ही शहर में नहीं है। वे ऑनलाइन ही अपना का काम कर रही है। इसके अलावा शहर के अंदर 600 से अधिक ट्रवेल एजेंसिया मौजूद हैं। जिन्होंने रजिस्ट्रेशन तो कराया है लेकिन आरटीओ ऑफिस से लाइसेंस नहीं लिया है।

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