उत्तर प्रदेशझाँसी

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन हुआ

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम अब वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन होगा। बुधवार को गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए राज्य सरकार ने स्टेशन का नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब रेल मंत्रालय से आदेश मिलते ही मंडल रेल प्रशासन नाम बदलने की विभागीय प्रक्रिया शुरू करेगा। स्टेशन कोड भी बदला जाएगा। अमर उजाला भी इस मुद्दे को लगातार उठाता रहा है।

झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। बुंदेलखंड की जनता की मांग पर जनप्रतिनिधियों की तरफ से इसका प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया था। विगत तीन अगस्त को इस बात की जानकारी लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दी थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों की टिप्पणियां और विचार आमंत्रित किए थे। इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद 24 नवंबर 2021 को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को नाम बदलने के लिए पत्र लिखा था।

नए साल पर 133 साल पुराना हो जाएगा स्टेशन

स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई से लेकर आजादी तक का गवाह झांसी रेलवे स्टेशन एक जनवरी को अपने 133 साल पूरे कर लेगा। इसका उद्घाटन एक जनवरी वर्ष 1889 को हुआ था। ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे ने इसको स्थापित किया था। शुरुआत में भाप के इंजन से इक्का-दुक्का ट्रेनें ही चलती थीं, आज यह स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में शुमार है। यहां से प्रतिदिन 250 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान और राजधानी एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेनें भी शामिल हैं।

इस तरह हुआ स्टेशन का निर्माण

मिलिट्री सिविल प्रशासन ने जुलाई 1886 में इस स्थान का अंतिम रूप से चयन कर भूमि अधिग्रहण की थी। सबसे पहले अप और डाउन पैसेंजर प्लेटफॉर्म, एक प्रतीक्षालय, पहूंज बांध, अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण हुआ। इसके बाद झांसी स्टेशन का उद्घाटन एक जनवरी 1889 को हुआ। इंडियन मिडलैंड रेलवे, जिसका मुख्यालय झांसी था। इसके द्वारा झांसी से कानपुर, ग्वालियर तक लाइन डलवाई गई। सन् 1878 से 1881 के मध्य में ग्वालियर आगरा खंड का निर्माण सिंधिया स्टेट ने किया। साल 1885 में आगरा-मथुरा रेलखंड, 1889 में झांसी-मऊरानीपुर, मऊरानीपुर-बांदा, बांदा-मानिकपुर खंड का निर्माण कार्य इंडियन मिडलैंड रेलवे ने किया। झांसी रेल मंडल का विस्तार पहले तुगलकाबाद से इटारसी तक था। इसी के एक हिस्से को लेकर 1985 में भोपाल मंडल बनाया गया। आज पूरे देश को उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जोड़ने की वजह से झांसी एक महत्वपूर्ण स्टेशन बन चुका है।

मंडल के प्रमुख स्टेशन

मंडल के कुल 164 स्टेशनों में झांसी, ग्वालियर, खजुराहो, चित्रकूट, महोबा, उरई, बांदा, ललितपुर, दतिया और मुरैना स्टेशन प्रमुख हैं।

ये सुविधाएं मौजूद

झांसी स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए आठ प्लेटफॉर्म, बुकिंग और आरक्षण कार्यालय, पांच प्रतीक्षालय, एस्केलेटर, वीआईपी लाउंज, लिफ्ट, विश्रामालय, भोजनालय, खानपान स्टाल, वाटर वेंडिंग मशीन, स्वचलित टिकट वितरण मशीन, व्हील चेयर, तीन फुट ओवर ब्रिज मौजूद हैं।

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