हंगामे के साथ शुरू हुआ उप्र विधान मंडल का बजट सत्र, कार्यवाही 24 तक के लिए स्थगित

- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हंगामे के बीच करीब एक घंटे में पूरा किया अभिभाषण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र सोमवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुआ। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सपा विधायकों ने सदन में खूब हंगामा किया। दोपहर बाद कुछ महत्वपूर्ण विधेयक और अध्यादेश पारित कराने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पूर्वाह्न करीब 11 बजे सदन में पहुंची। जैसे ही उन्होंने अपना अभिभाषण प्रारम्भ किया, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल समेत प्रमुख विपक्षी दलों के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के विधायक हाथ में प्ले कार्ड लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते वेल तक पहुंच गए। वे राज्यपाल वापस जाओ के नारे भी लगा रहे थे।
विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल बिना रुके अभिभाषण पढ़ती रहीं। उन्होंने योगी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का सिलसिलेवार ब्योरा पेश किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास के मंत्र को लेकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही करीब 20 मिनट के लिए स्थगित रही।
इसके बाद अपराह्न 12.30 बजे वंदेमातरम के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को आगामी बैठकों के लिए निर्धारित एजेंडे की जानकारी दी। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण विधेयक व अध्यादेश पारित किए गए। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ, विधान परिषद में नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह एवं नेता प्रतिप़क्ष व सपा मुखिया अखिलेश यादव भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री योगी ने इस दौरान सभी निर्वाचित सदस्यों का स्वागत किया।
सत्र के दौरान योगी सरकार 26 मई को वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट पेश करेगी। पूर्व में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम ने विधान सभा सदस्यता की शपथ ली। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने कक्ष में दोनों विधायकों को शपथ दिलाई।
हालांकि आजम खान ने आज सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। वहीं शिवपाल सिंह यादव और अब्दुल्ला आजम खान सदन के अंदर अपनी सीट पर चुपचाप बैठे दिखे। ये दोनों लोग सपा के अन्य विधायकों की तरह न तो लाल टोपी पहने थे और न ही प्रदर्शन में भाग लिए।



