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आतंकवाद पर US की रिपोर्ट में दावा- भारत आतंकियों से निपटने में सक्षम, मसूद अजहर को लेकर पाकिस्‍तान की खोली पोल

अमेरिकी विदेश विभाग ने आतंकवाद पर एक रिपोर्ट जारी करके भारतीय एजेंसियों की तारीफ की है जबकि पाकिस्‍तान की पोल खोलकर रख दी. अमेरिका ने कहा है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ​​आतंकी खतरों से निपटने में प्रभावी हैं. हालांकि खुफिया एजेंसियों और इनफो शेयरिंग के सिस्‍टम में थोड़ा गैप जरूर है. साथ ही पाकिस्‍तान पर आरोप लगाया है कि उसने आतंकवाद के खिलाफ कोई खास प्रगति नहीं की है.

अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से ‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2020: इंडिया’ में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकी खतरों को बाधित करने में प्रभावी हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकी संगठन ISIS से जुड़े भारतीय मूल के 66 लड़ाके थे.

पाकिस्तान ने खास प्रगति नहीं कीः रिपोर्ट

अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान को लेकर कहा है कि उसने आतंकवाद के खिलाफ एक्शन में कोई खास प्रगति नहीं की है. अमेरिका की अपनी ‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2020: पाकिस्तान’ में कहा गया है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सीमित प्रगति की है और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और लश्कर के साजिद मीर जैसे आतंकवादी नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं.

रिपोर्ट में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान की धरती से कई आतंकवादी संगठन ऑपरेट किए जा रहे हैं, खासतौर से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन भारत के खिलाफ लगातार काम कर रहे हैं. साथ ही आगे कहा गया है कि पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक और यूएन की ओर से घोषित आतंकवादी अजहर मसूद और 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के प्रोजेक्ट मैनेजर कहे जाने वाले साजिल मीर दोनों के खिलाफ पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया और ये दोनों वहां पर खुले में घूम रहे हैं.

पाकिस्तान ने की अपने वादों पर सीमित प्रगतिः रिपोर्ट

अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा आज गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी 2015 की नेशनल एक्शन प्लान के सबसे कठिन पहलुओं पर सीमित प्रगति की है, विशेष रूप से बिना किसी देरी या भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों को खत्म करने को लेकर अपने वादों के प्रति.” वैश्विक आतंकी वित्तपोषण निगरानी संस्था FATF की अक्टूबर में हुई पूर्ण बैठक में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ आकाओं और कमांडरों की जांच तथा अभियोजन पर प्रगति की कमी के कारण पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ पर रखा गया है.

भारत ने आतंकी संगठनों के खिलाफ सार्थक प्रयास किएः रिपोर्ट

भारत के बारे में जारी अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसियां ​​​​आतंकवादी खतरों को बाधित करने में प्रभावी है, हालांकि खुफिया जानकारी और सूचनाओं को साझा करने में अंतर बना हुआ है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नवंबर तक आईएसआईएस से जुड़े भारतीय मूल के 66 लड़ाके थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवादी संगठनों के संचालन का पता लगाने और बाधित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए. साथ ही आगे आगे कहा गया कि सितंबर के अंत तक, एनआईए ने 34 आतंकवाद मामलों की जांच की थी जो यह संकेत देते हैं कि आईएसआईएस से संबंधित थे और 160 लोगों को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, आईएसआईएस जबकि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा और जमात-उल-मुजाहिद्दीन जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं.

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