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शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्षी नेताओं ने सोनिया गांधी से की मुलाकात, संसद में सरकार को घेरने की बनाई रणनीति

संसद के मौजूदा सत्र के दौरान संयुक्त रणनीति पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की है. मुलाकात करने वालों में एनसीपी नेता सुप्रीमो शरद पवार, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत और द्रमुक नेता टीआर बालू शामिल थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी बैठक में मौजूद रहे.

बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इसी तरह की बैठक बुधवार को भी होगी. उन्होंने कहा, ‘हमारा मुख्य एजेंडा राज्यवार तरीके से विपक्षी एकता था. यह पहली मुलाकात थी. हम कल फिर मिलेंगे. शरद पवार भी होंगे.’ राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन और सरकार द्वारा इस मामले पर खेद व्यक्त करने के लिए कहने को लेकर संसद में गतिरोध के बारे में राउत ने कहा, ‘कोई माफी नहीं, कोई पछतावा नहीं, हम लड़ेंगे.’

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बैठक देश के बारे में थी. उन्होंने कहा, ‘हमने इस बारे में बात की कि हम कैसे एक साथ काम कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं और हम देश को इस कठिनाई से कैसे निकाल सकते हैं. हमारे बीच एक अच्छा समझौता हुआ है.’ समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस प्रमुख ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और डीएमके के एमके स्टालिन को आमंत्रित किया था. दोनों ने अपने-अपने नेताओं, राउत और बालू को क्रमशः भेजा है.

विपक्षी नेताओं ने 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मार्च निकाला

इससे पहले दिन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला तथा सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया. विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला. राहुल गांधी, निलंबित सांसद, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य नेता इस मार्च में शामिल हुए.

सरकार चर्चा नहीं होने देती: राहुल गांधी

इस मार्च के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं. सदन में विपक्ष जो चर्चा करना चाहता है, सरकार वह चर्चा नहीं होने देती. विपक्षी सदस्य अपनी आवाज उठाते हैं तो सरकार उनको डराकर-धमकाकर निलंबित कर देती है. विपक्ष की आवाज कुचली जा रही है. यह लोकतंत्र की हत्या है.’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘तीन चार ऐसे मुद्दे हैं जिनका सरकार नाम तक नहीं लेने नहीं देती. प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं. यह सही तरीका नहीं है.’ संजय राउत ने कहा कि यह सिर्फ 12 सांसदों का निलंबन नहीं, बल्कि यह किसानों के आंदोलन के लिए यह सांसदों का सबसे बड़ा बलिदान है.

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