खेती-किसानी

अरहर किसानों को है खरीद केंद्र खुलने का इंतजार, अभी व्यापारी कम रेट पर ही ले रहे दाल

महाराष्ट्र के अरहर किसान अभी खरीद केंद्र खुलने का इंतजार कर रहे हैं. इस बार किसानों को बाजार में उचित भाव नहीं मिल रहा है और व्यापारी कम दरों पर ही खरीद कर रहे हैं. उम्मीद है कि जनवरी से राज्य में अरहर की सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी. केंद्र सरकार की बदली नीति का भी इस साल अरहर के भाव पर असर पड़ेगा. अरहर की नई फसल के बाजार में आने से पहले ही केंद्र सरकार ने आयात कर लिया है. इसलिए दरों पर दबाव बना हुआ है.

सरकार ने अरहर के लिए 6300 रुपए की एमएसपी तय की है. वर्तमान में व्यापारी किसानों से कम दर पर अरहर खरीद रहे हैं. ऐसे में राज्य में खरीदी केंद्र शुरू होने के बाद ही किसानों को सही दाम मिल पाएगा, क्योंकि अभी तक किसानों को अरहर की उच्चतम कीमत 6,000 रुपए तक मिली है. यह एमएसपी से 300 रुपए कम है.

दालों की मांग पर तुअर की खरीदी

तुरी की खरीद दालों की मांग पर निर्भर करती है.पिछले सप्ताह लातूर कृषि उपज मंडी समिति में तुअर को 6,150 रुपये का भाव मिला था.व्यापारी अशोक अग्रवाल ने कहा जब तक तुअर की मांग रहेंगी तब तक तुअर की कीमत ऐसे ही बानी रहा सकती हैं. इस साल भी सीजन की शुरुआत में तुअर की भारी आवक होगी.मौसम के अंतिम चरण में बारिश और लार्वा के संक्रमण के कारण तुअर की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी इसलिए कहा जा रहा है कि किसान अगर चरणबद्ध तरीके से तुअर बेचेंगे तो ही सही रेट किसानों को मिल पाएंगे.

नई अरहर की आवक हुई शुरू

अरहर खरीफ सीजन की आखिरी फसल है. फसल के अंतिम चरण में हुई बारिश ने उत्पादन को प्रभावित किया है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले हफ्ते से तुअर की आवक शुरू हो गई है. अब तक सबसे ज्यादा रेट लातूर कृषि उपज मंडी समिति में रहा है.

नाम दर्ज कराते समय देना होगा ये दस्तावेज

राज्य में सरकारी खरीद एक जनवरी से शुरू हो जाएगी. अरहर की बिक्री के लिए आवश्यक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले ही यानी 20 दिसंबर से शुरू हो चुकी है. इसके लिए किसानों को शुरुआत में खरीदी केंद्र पर रजिस्ट्रेशन करना होगा और साथ ही बैंक पासबुक की फोटोकॉपी जमा करनी होगी. इससे किसानों की सारी जानकारी नैफेड के पास रहेगी और किसानों के खाते में कृषि उपज का पैसा जमा करना आसान होगा. जिस क्षेत्र में किसानों ने अरहर उगाई है, उसकी जानकारी संबंधित विभाग के पास रहेगी. ऐसा अनियमितता को रोकने के लिए किया जा रहा है.

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