सृजन व शौर्य के प्रतीक भगवान परशुराम : नीलकंठ तिवारी
- ब्राम्हण समाज ने काशी में ब्राह्मण भवन बनाने का लिया संकल्प
वाराणसी। काशीपुराधिपति की नगरी में ब्राह्मणों के आराध्य भगवान परशुराम की जयंती मंगलवार को विप्र समाज ने उत्साह के साथ मनाई। विप्र समाज काशी के तत्वावधान में अहिल्याबाई घाट पर जुटे वैदिक ब्राह्मणों ने शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के अगुवाई और पंडित षडानन पाठक के आचार्यत्व में 21 बटुकों के साथ गंगा का पूजन कर दूध व केशर जल से दुग्धाभिषेक किया ।
विप्र समाज के पदाधिकारियों ने काशी में एक भव्य ब्राह्मण भवन बनाने का संकल्प भी लिया। इसके बाद विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने समाजोत्थान में अतुलनीय योगदान देने वाले 35 विप्रों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि भगवान परशुराम ब्राह्मण समाज के साथ ही सभी वर्ग के लिए वीरता,शौर्य के प्रतीक रहे हैं। एक कुशल आज्ञाकारी होने का भी फर्ज उन्होंने बखूबी निभाया। आज वर्तमान समाज में दशा व दिशा निरंतर बिगड़ती जा रही है। आपसी तनाव भी खूब व्याप्त है। ऐसे में आवश्यकता है कि भगवान परशुराम के आदर्श चरित्र का ध्यान कर इन्हें आत्मसात किया जाय। इसके साथ ही समाज में विश्व बंधुत्व व वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को भी जागृत करना होगा।
कार्यक्रम संयोजक पं.पवन शुक्ला ने कहा कि शीघ्र ही काशी में एक बड़े ब्राह्मण भवन की स्थापना होगी । जिसमें ब्राह्मण समाज के अलावा अन्य का भी सहयोग लिया जाएगा। भवन के लिए भूमि की तलाश जारी है। विशिष्ट अतिथि पं. प्रमोद कुमार मिश्र ने भी पूजन अर्चन कर परशुराम के जीवनी पर प्रकाश डाला व ब्राह्मणों को संगठित करने पर जोर दिया। दुग्धाभिषेक में प्रमुख रूप से पं.विशाल औढ़ेकर,पं.विजय द्विवेदी,पं.किशोरी रमण दूबे ‘बाबू महाराज’,पं.संदीप त्रिपाठी,डा.अरुण उपाध्याय,कृष्णमोहन पाण्डेय,सुनील तिवारी,पं.जितेंद्रधर द्विवेदी,पं.वेदमूर्ति शास्त्री,पं.सुनील शर्मा आदि शामिल रहे।