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गुरु पर्व पर बोले PM मोदी-गुरु नानकदेव जी का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब में आयोजित गुरुपरब समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने कहा कि गुरुद्वारा लखपत साहिब समय की हर गति का साक्षी रहा है. आज जब मैं इस पवित्र स्थान से जुड़ रहा हूँ, तो मुझे याद आ रहा है कि अतीत में लखपत साहिब ने कैसे कैसे झंझावातों को देखा है. एक समय ये स्थान दूसरे देशों में जाने के लिए, व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र होता था.

दरअसल, प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरूवाणी अंकित की गई. इस प्रोजेक्ट को तब यूनेस्को ने सम्मानित भी किया था. उन्‍होंने कहा कि, 2001 के भूकम्प के बाद मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था. मुझे याद है, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस स्थान के मौलिक गौरव को संरक्षित किया.

2019 में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का काम पूरा हुआ- मोदी

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि, गुरु नानकदेव जी का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए. दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया. उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले जब मैं अमेरिका गया था, तो वहां अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं. इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है. यानि ये वापस लाने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला.

हर साल 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुजरात के सिख लखपत साहिब गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व मनाते हैं. गुरु नानक देव अपनी यात्रा के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रुके थे. गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जिनमें खड़ाऊं, पालकी और पांडुलिपियां शामिल हैं.

भूकंप के दौरान हुआ था गुरुद्वारे को काफी नुकसान

बता दें कि साल 2001 के भूकंप के दौरान गुरुद्वारा को नुकसान हुआ था. ऐसे में तब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.  उन्होंने गुरुद्वारे की मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए तत्काल दिशा-निर्देश दिए थे. मोदी गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व, गुरु गोबिंद सिंह जी के 350 वें प्रकाश पर्व और गुरु तेग बहादुरजी के 400 वें प्रकाश पर्व के उत्सव शामिल हो चुके हैं.

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