नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र 2023 के शुरू होने से पहले मंगलवार को कहा कि आज बजट सत्र शुरू हो रहा है। अर्थ जगत में जिनकी मान्यता है उनकी आवाज आशा की किरण ला रही है। आज भारत की वर्तमान राष्ट्रपति संयुक्त सदन को पहली बार संबोधित करने जा रही हैं। उनका संबोधन भारत के संविधान, संसदीय प्रणाली का गौरव है और आज नारी सम्मान का भी अवसर है।
PM मोदी ने कहा, आज के वैश्विक परिस्थिती में भारत के बजट के तरफ ना सिर्फ भारत का बल्कि पूरे विश्व का ध्यान है। डामाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत की जनता की आशाओं आकांक्षाओं को पूरा करेगा ही लेकिन विश्व जो आशा की किरण को और प्रकाश में लाएगा आए।
PM मोदी ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि निर्मला जी इन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का भरपूर प्रयास करेंगी। BJP के नेतृत्व में NDA का एक ही लक्ष्य रहा है इंडिया फर्स्ट सिटीजन फर्स्ट। मुझे विश्वास है कि विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ बहुत बारीकी से अध्यन करके सदन में अपनी बात रखेंगे।
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी।
उन्होंने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति संसद में पहली बार जॉइंट सेशन को संबोधित करेंगे। इस सदन में तकरार तो होगी ही, तकरीर भी होनी चाहिए। विपक्ष पूरी तैयारी के साथ आया है। हम बहुत अच्छी तरह मंथन करके देश के लिए अमृत निकालेंगे। हमारे देश के बजट में विश्व की नजर है। हमारे देश की ओर दुनिया आशा से देख रही है। हमार लक्ष्य देश पहले-देशवासी पहले होना चाहिए।
बता दें 1 फरवरी यानी कल संसद में आम बजट पेश किया जाएगा। यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। मोदी सरकार साल 2014 से अब तक कुल 9 बजट पेश कर चुकी है। इस साल 10वां बजट पेश करने जा रही है।
इससे पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में 27 दलों के 37 नेता मौजूद रहे। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक अच्छी रही। हम सदन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए विपक्ष का सहयोग चाहते हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में कांग्रेस और सपा के नेता मौजूद नहीं थे। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने लेटर लिखकर बता दिया था कि वे मौसम के चलते कश्मीर में फंसे हैं, इसलिए उनके नेता नहीं आ सकते हैं। पार्टी से 31 जनवरी को अलग से चर्चा की जाएगी।