कैट का सुझाव- ‘वित्त मंत्री करें जीएसटी के सभी स्लैबों की समीक्षा’
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजा है। कैट ने सीतारमण को भेजे पत्र में जीएसटी कर ढांचे के युक्तिकरण के कदम का स्वागत किया है लेकिन इस कारोबारी संगठन ने जीएसटी के सभी टैक्स स्लैब की समीक्षा करने भी सुझाव दिया है।
कारोबारी संगठन कैट ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि मीडिया में जीएसटी के पांच फीसदी के मौजूदा टैक्स स्लैब को खत्म कर तीन फीसदी और और अठ फीसदी के नए टैक्स स्लैब लाने की चर्चा है। हालांकि, इस तरह की खबरों का खंडन की खबर भी मीडिया में आई थी। ऐसे में कैट ने निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर जीएसटी के मौजूदा कर ढांचे के युक्तिकरण के कदम का स्वागत करते हुए इसकी समीक्षा करने का सुझाव दिया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को टैक्स स्लैब में रखी जाने वाली वस्तुओं की सूची तैयार करते वक्त आवश्यकता से संबंधित वस्तुओं और विलासिता वाली वस्तुओं के बीच अंतर रखने की जरूरत है। इसी के अनुसार माल एवं वस्तु को कर की सही श्रीणी में रखा जाना चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि वर्तमान में अलग-अलग टैक्स स्लैब में आने वाली विभिन्न वस्तुओं में बहुत असमानता है। इसलिए विभिन्न टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुओं की नए सिरे से समीक्षा करके उन्हें उचित टैक्स स्लैब में रखा जाना चाहिए।
खंडेलवाल ने कहा कि खाद्यान्न, शिक्षा संबंधी सामान, चिकित्सा और बुनियादी जरूरतों की अन्य वस्तुओं को छूट की श्रेणी में रखा जा सकता है। वहीं, एक हजार रुपये तक के वस्त्र और जूते सहित अन्य जरूरी सामान और कच्चे माल को तीन फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पांच फीसदी की विभिन्न श्रेणी के वस्तुओं को तीन फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है, जबकि शेष को आठ फीसदी टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 12 फीसदी और 18 फीसदी के टैक्स स्लैब को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। इसकी जगह14 फीसदी की नई टैक्स स्लैब लाया जा सकता है, जिसमें मौजूदा 12 फीसदी की कुछ वस्तुओं एवं आठ फीसदी के कुछ वस्तुओं को रखा जा सकता है। इसके अलावा 18 फीसदी की सभी वस्तुओं को भी 14 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखा जा सकता है। खंडेलवाल ने कहा कि पांच फीसदी की वस्तुओं को उनके उपयोग के आधार पर तीन फीसदी और आठ फीसदी में रखने के लिए सूची तैयार की जा सकती है। इसी तरह 12 फीसदी की वस्तुओं को आठ फीसदी और 14 फीसदी में उनके उपयोग के आधार पर रखा जा सकता है।
कैट महामंत्री ने कहा कि 28 फीसदी के जीएसटी टैक्स स्लैब के तहत केवल विलासिता से संबंधित सामान को रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकी अन्य सामान जैसे ऑटो पार्ट्स आदि को मौजूदा 28 फीसदी की जगह 14 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। वहीं, 20 लाख रुपये से कम के वाहनों को 14 फीसदी से कम के टैक्स स्लैब और 20 लाख रुपये से ऊपर के बाकी अन्य वाहनों को 28 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। खंडेलवाल ने कहा कि कंपोजिशन स्कीम का टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किया जाना चाहिए।