RBI गवर्नर बोले- सही राह पर देश की अर्थव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल को लेकर कही बड़ी बात
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ ने आज अपने वार्षिक कार्यक्रम ‘SBI Banking & Economics Conclave’ का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस बात के ठोस संकेत मिले हैं कि त्योहारी सीजन की वजह से खपत की मांग में जोरदार वापसी देखने को मिल रही है. इससे फर्मों को अनुकूल वित्तीय स्थितियों के बीच क्षमता का विस्तार करने के साथ रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
महामारी के बाद भारत में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता
शक्तिकांत दास ने कहा, ”मुझे पूरा भरोसा है कि भारत में महामारी के बाद के परिदृश्य में काफी तेज गति के साथ बढ़ने की क्षमता है. कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स का सुझाव है कि देश की अर्थव्यवस्था जोर पकड़ रही है. जब अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही है, इसे व्यापक-आधारित और अच्छी तरह से स्थापित होने से पहले कई कामों को पूरा करना बाकी है.” उन्होंने आगे कहा, ” भारत में कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में कुल रोजगार 56 प्रतिशत है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इसका योगदान 25 प्रतिशत है. हमारे कार्यबल का एक बड़ा वर्ग कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में फंस गया है, जिससे हमारी विकास क्षमता पर असर हो रहा है.”
पेट्रोल-डीजल को लेकर कही ये बात
शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर घटाए गए उत्पाद शुल्क और अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा ईंधन पर घटाए गए वैट से देश के आम लोगों की क्रय शक्ति में बढ़ोतरी होगी. ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर साबित होगा क्योंकि इसके बदले में अतिरिक्त खपत के लिए और जगह बनेगी.
There are signs that consumption demand, triggered by the festive season, is making a strong comeback. This should encourage firms to expand capacity and boost employment & investment amidst congenial financial conditions: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/xacipnmCL1
— ANI (@ANI) November 16, 2021
सभी योजनाओं की अंतिम तारीख होना बहुत जरूरी
शक्तिकांत दास ने कहा, ” समय-समय पर समीक्षा के बाद मौजूदा योजनाओं को उनके वास्तविक परिणामों के आधार पर चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना चाहिए, जिससे सीमित संसाधनों का अधिक कुशल आवंटन हो सके. शुरू की गई प्रत्येक नई योजना की अंतिम तिथि होनी चाहिए, जो उसके परिणामों से जुड़ी हो.”