बहन डिंपल के पति राजेश खन्ना के साथ काम करते वक्त असहज हो गई थीं सिंपल कपाड़िया, जानिए वजह
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हिंदी सिनेमा में कई लोग आए और कई लोग गए. कुछ लोगों को याद रख लिया जाता है, लेकिन कुछ को हमेशा के लिए भुला दिया जाता है. ऐसा ही हुआ सिंपल कपाड़िया के साथ. जी हां, सिंपल कपाड़िया जो दिग्गज अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया की छोटी बहन थीं. आज यानी 10 नवंबर को सिंपल कपाड़िया की पुण्यतिथि है. अपनी बहन डिंपल के नक्शे कदम पर चलते हुए सिंपल ने भी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, लेकिन उनका करियर अपनी बड़ी बहन की तरह ज्यादा कामयाब न रह सका.
सिंपल ने 18 साल की उम्र में अपना फिल्मी डेब्यू किया था, वो भी अपने जीजा और दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ. वह राजेश खन्ना के साथ 1977 की फिल्म ‘अनुरोध’ में नजर आई थीं. हालांकि, इस फिल्म में वह राजेश खन्ना के साथ काम करते वक्त थोड़ा असहज महसूस कर रही थीं. बॉलीवुड शादी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1977 में सिंपल कपाड़िया ने इंडिया टुडे को एक इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में सिंपल ने बताया था कि वह क्यों राजेश खन्ना के साथ काम करते हुए असहज महसूस कर रही थीं.
क्यों राजेश खन्ना संग काम करते हुए असहज हो गई थीं सिंपल?
सिंपल ने कहा था कि वो फिल्म ‘बॉबी’ नहीं थी और उससे उसकी तुलना भी नहीं हो सकती. जैसा कि मैं सोचती हूं कि मैं दूसरी डिंपल नहीं हो सकती. दरअसल, मैं उनके (राजेश खन्ना) साथ काम करने में बहुत असहज महसूस कर रही थी क्योंकि जब आप किसी इंसान को अच्छे से जानते हो तो उसे कैमरे के सामने अलग रूप में देखना थोड़ा मजाकिया होता है.
वह राजेश खन्ना के अलावा अभिनेता जितेंद्र के अपोजिट भी नजर आई थीं. 1977 से लेकर 1986 तक उन्होंने चुनिंदा फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘चक्रव्यू’, ‘लूटमार’, ‘जमाने को दिखाना है’, ‘जीवन धरा’ जैसी फिल्में शामिल हैं. सिंपल की आखिरी फिल्म प्यार के दो बोल थी.फिल्मों से अलविदा कहने के बाद सिंपल ने 1987 में कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर अपना करियर शुरू किया. अभिनय को तो उन्होंने अलविदा कह दिया था, लेकिन कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर वह हिंदी सिनेमा से जुड़ी रहीं.
उन्होंने ‘इंसाफ’, ‘अजूबा’, ‘डर’, ‘रुदाली’, ‘बरसात’, ‘घातक’, ‘जान’, ‘चाची 420’, ‘इंडियन’, ‘कसम’, ‘सोचा न था’ जैसी कई फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किए. कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर उनकी आखिरी फिल्म ‘गाफला’ थी. खास बात ये है कि फिल्म ‘रुदाली’ के लिए उन्हें बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था.
कैंसर ने ली सिंपल की जान
सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन हालात उस वक्त बदल गए जब साल 2006 में उन्हें कैंसर डिटेक्ट हुआ. वह कैंसर का इलाज करा रही थीं, लेकिन उन्हें उसके कारण बहुत दर्द भी होता था. हालांकि, अपने दर्द को साइड में रखते हुए सिंपल ने अपने काम को तवज्जो दी. दर्द में रहने के बावजूद वह काम करती रही थीं. काफी इलाज कराने के बाद भी सिंपल की जान बच न सकी. 10 नवंबर, 2009 में उन्होंने कैंसर के चलते दम तोड़ दिया था.