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हाथ बांध कर नहीं होती राष्ट्र की सुरक्षा, हम सुरक्षाबलों के हर फैसले में उनके साथ हैं, चाहे वो सही हो या गलत: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर डेवलपमेंट के मामले में भारत अपने पड़ोसी देश से कम नहीं है और देश हर हाल में मुंहतोड़ जवाब देने में समर्थ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद से संबंध खत्म करना होगा.

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के तेलीबाग में अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक सेवा परिषद के रजत जयंती समारोह के अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “लोग अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर एक गांव को लेकर बात कर रहे हैं. मैं यहां इस पर चर्चा नहीं करना चाहता लेकिन सीमाओं पर हम जो कर रहे हैं, मैंने व्यक्तिगत रूप से उसे देखा है. मैं रक्षा सेवाओं के अपने अधिकारियों को बधाई देना चाहता हूं कि हम किसी से कम नहीं हैं. जो भी स्थिति होगी, हम जवाब देंगे. हम राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपनी नीति को लेकर स्पष्ट हैं.”

मंत्री ने यह भी कहा कि 1971 के युद्ध और 1999 के कारगिल युद्ध में हारने वाले पाकिस्तान को अब आतंकवाद से अपने संबंध खत्म करने होंगे. उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्री के रूप में, मैं आपको बताना चाहता हूं कि उन्होंने घोषणा की है कि वे अब आतंकवाद को पनाह नहीं देंगे.” चीन का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि भारत का एक और पड़ोसी देश है और उसका नाम लेने की जरूरत नहीं है.

2014 के बाद बदल गए हालात

उन्होंने कहा, “हमारे पास एक और पड़ोसी है. आप इसे अच्छी तरह से जानते हैं, इसका नाम लेने की आवश्यकता नहीं है. इसने सभी के साथ मनमानी करने का मन बना लिया है. कई देशों ने इसका विरोध नहीं किया जैसा उन्हें करना चाहिए था. पहले हमारी स्थिति वही थी. लेकिन 2014 के बाद स्थिति बदल गई है. पहले, भारत ने भी ‘पड़ोसी’ की कार्रवाई का विरोध नहीं किया था, लेकिन 2014 के बाद चीजें बदल गई हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से तीनों प्रमुखों के साथ-साथ सीमाओं पर हो रहे डेवलपमेंट और योजना में शामिल था. मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे सैनिकों ने हमारे पड़ोसी को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश दिया है.”

भारत-पाक की नहीं हो सकती तुलना

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि वह परेशान होते हैं जब लोग ट्विटर पर गालवान फेसऑफ या बालाकोट स्ट्राइक पर संदेह जताते हैं और मीडिया में बयान देते हैं. उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान की तुलना नहीं की जा सकती है और हमने 1971 के युद्ध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट कर दिया है. आज, भारत प्रमुख देशों में गिना जाता है और हमने अपना स्थान हासिल किया है.”

उन्होंने आगे कहा, ‘लोग समझते थे कि सिर्फ अमेरिका और इस्राइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ सकते हैं, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत ने आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया है और अपनी क्षमताओं को साबित किया है.” राजनाथ सिंह ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भारत को देखने के नजरिए में हमने एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है. हम एक शांतिप्रिय देश हैं लेकिन अगर कोई हमें छूने की कोशिश करता है तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे.”

उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राजनीतिक दलों ने सैनिकों की बहादुरी और साहस पर सवाल उठाए हैं. वे नेतृत्व पर सवाल उठाते हैं. राजनीतिक नेता सीमाओं में नहीं लड़ते हैं. सवाल तभी उठाया जाना चाहिए जब राजनीतिक नेतृत्व रक्षा बलों के निर्णय लेने में हस्तक्षेप करे.”

हाथ बांध कर नहीं हो सकती देश की रक्षा

उन्होंने कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि स्थिति कुछ भी हो, परिणाम के बावजूद, हम अपने रक्षा बलों के हाथ कभी नहीं बांधेंगे. उन्हें निर्णय लेना होगा, हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे और यदि उनका निर्णय गलत होता है, तो भी हम अपने सैनिकों के साथ खड़े होंगे. रक्षा बलों के हाथ बांधकर एक राष्ट्र की रक्षा नहीं की जा सकती है.”

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