चुनाव 2022 से पहले योगी सरकार देगी शिक्षामित्र, अनुदेशकों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को तोहफा, जल्द बढ़ सकता है मानदेय
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में फतेह हासिल करने के लिए योगी सरकार एक बार फिर तैयारियों में लगी हुई है. वोट बैंक को बटोरने का एक भी मौका हाथ से खोना नहीं चाहती है. ऐसे में योगी सरकार वोट बैंकों को लुभाने के लिए नई-नई रणनीतियां अपना रही है. इसी कड़ी में योगी सरकार जल्द ही शिक्षामित्र, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि कर सकती है. माना जा रहा है कि यह योगी सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक की तरह काम करेगा. इसे लेकर बुधवार को हुई बैठक में शिक्षा सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
सूत्रों की मानें तो इस बैठक में अन्य राज्यों में इस तरह के संविदा कर्मियों समेत इनसे जुड़े अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई है. हालांकि, अभी इस पर ठोस निर्णय नहीं हो सका है, लेकिन जल्द इस संबंध में फैसला होने की उम्मीद है. चुनाव से पहले यह फैसला योगी सरकार के लिए लाभदायक होगा ऐसा माना जा रहा है. खास बात यह है कि सरकार बजट में भी इसे लेकर प्रावधान कर चुकी है.
वोटरों को लुभाने में लगी सरकार
चुनाव के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल जोर आजमाइश में लगे हैं. कोई भी दल इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है. योगी सरकार भी वोट बैंक को खींचने में लगी है. युवा से लेकर हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ योजनाएं ला रही है. चाहे वो मानदेय बढ़ाने का फैसला हो या कृषि कानून को वापस लेना का फैसला हो.
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की 11 मांगें
वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश उपाध्यक्ष मीरा दुबे की अगुवाई में कलेक्ट्रेट गेट पर जुटी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने नारेबाजी की. 11 सूत्रीय मांगों को लेकर गेट पर धरना देने लगीं. इस दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित मांगों का ज्ञापन कार्यकत्रियों ने DM को सौंपा. इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 62 साल की उम्र में बिना पेंशन ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा के जबरन सेवानिवृत किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग प्रमुख रही.
DM को सौंपे गए ज्ञापन में कार्यकत्रियों ने आंगनबाड़ी को 15 हजार व सहायिका को 10 हजार मानदेय देने, कार्यकत्रियों का सुपरवाइजर के पद पर प्रमोशन करने, गर्मी और सर्दी में 15-15 दिन का अवकाश देने, कुशीनगर के आंगनबाड़ी वर्कर का तीन माह का 2017 में कटान मानदेय दिलाने, प्री-प्राइमरी की ट्रेनिंग ले चुकीं आंगनबाड़ी को प्री-प्राइमरी अध्यापक का दर्जा देने, पोषाहार वितरण में स्वयं सहायता समूह की संबद्धता समाप्त करने की मांग की.