विंग कमांडर पृथ्वी सिंह को CM योगी ने दी श्रद्धांजलि, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख रुपए देने का किया ऐलान
तमिलनाडु के कुन्नूर में आर्मी हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के घर शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे. उन्होंने शहीद विंग कमांडर के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी. इसके बाद मुख्यमंत्री शहीद के पिता सुरेंद्र सिंह और परिवार के अन्य लोगों से मिले. सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के परिवार के एक सदस्य को उत्तर प्रदेश सरकार नौकरी देगी और 50 लाख रुपये देगी. इसी के ही साथ राज्य में एक संस्था का नाम भी पृथ्वी सिंह चौहान के नाम पर रखा जाएगा. सीएम शहीद के घर करीब 20 मिनट रुके. इसके बाद वो रवाना हो गए.
I met the family members of Wing Commander Prithvi Singh Chauhan who died in the helicopter crash to express my condolences. The state govt will provide a job to his family member and Rs 50 lakh. We will also name an institution after him: CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/qWnl1M9CTI
— ANI UP (@ANINewsUP) December 10, 2021
इलाके में सबकी आंखें है नम
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान आगरा के सरन नगर के रहने वाले थे. सीडीएस बिपिन रावत के साथ वो भी बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए थे. उनके निधन से सरन नगर की हर आंख नम है, गली में मातम छाया हुआ है. उनका पार्थिव शरीर देर रात तक आगरा पहुंचने की संभावना है. उनका अंतिम संस्कार अब ताजगंज शमशान घाट पर होगा. पहले पोइया घाट पर अंतिम संस्कार होना था. परिजनों की इच्छा अनुसार अंतिम संस्कार का स्थान बदला गया है.
31 दिसंबर को पिता को सरप्राइज देने आने वाले थे पृथ्वी घर
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह 31 दिसंबर को आगरा स्थित अपने घर आने वाले थे. उन्हें पिता को जन्मदिन पर सरप्राइज देना था. उन्होंने परिजनों से यह बात साझा भी की थी, लेकिन पिता को बताने से मना किया था. गुरुवार सुबह इसकी जानकारी पिता को हुई. वह बार-बार यही कह रहे थे कि ऐसा सरप्राइज क्यों दे गया मेरा बेटा. पृथ्वी जब भी घर आते थे तो पड़ोसियों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. उनके निधन से सरन नगर समेत पूरे आगरा में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. जांबाज विंग कमांडर के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. हालांकि अभी शहीद का पार्थिव शरीर नहीं आया है.