उत्तर प्रदेशलखनऊ

बदलते पर्यावरण से मनुष्य के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा : डाॅ पीके श्रीवास्तव

  • बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विवि में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में एशियन एसोसिएशन ऑफ शुगर केन टेक्नोलॉजिस्ट, द स्वदेश मूवमेंट फ़ॉर साइंस और केमिस्ट्री यूनिवर्स टुडे के संयुक्त तत्वावधान में वर्ल्ड अर्थ डे के अवसर पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मुख्य वक्ता साइनटूनिस्ट के नाम से विख्यात डॉ. पी.के. श्रीवास्तव ने ग्रीन हाउस गैस की वजह से गर्म होती पृथ्वी और बदलते पर्यावरण के कारण भविष्य पर मंडरा रहे खतरों से सभी को अवगत कराया।

यह कॉन्फ्रेंस लखनऊ क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस ऑन कंट्रोल ऑफ ग्रीन हाउस गैसेस ऐट द सोर्स बाई फिजिकल एंड केमिकल टेक्नोलॉजीज 2022 विषय पर है। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के सुप्रसिद्ध कृत्रिम द्वीप द पाम जुमेराह के बारे में बताया जो आने वाले समय में समुद्र में समा जाएगा की आशंका है। साथ ही तुवालु नाम का एक देश के बारे में भी जानकारी दी। यह भी शायद पहला ऐसा देश होगा जो आने वाले समय में पूरी तरह समुद्र में डूब जाएगा। इन सभी समस्याओं का कारण हम मनुष्य हैं, जिन्होंने जंगलों को काटा, ग्रीनहाउस गैस का अनियंत्रित तरीके से प्रयोग किया। तेजी से बढ़ती मानव जनसंख्या भी इन समस्याओं के बढ़ने का एक कारण है।

उन्होंने कार्टून के माध्यम से सभी को यह भी समझाने का प्रयास किया कि यदि हमने अपनी जीवनशैली में जल्द ही बदलाव नहीं किये, तो आने वाले समय में जंगल और वृक्ष हमारी कहानियों का हिस्सा बन कर रह जाएंगे। ऑक्सीजन के लिए हम मशीनों पर निर्भर हो जाएंगे। जैसे आज हम पानी खरीद कर पी रहे हैं। यदि जल्द ही इस दिशा में कठोर कदम नहीं उठाए गए तो ये सभी आशंकाएं सच हो जाएंगी और पूरा विश्व रेगिस्तान में बदल जायेगा।

शुक्रवार को कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र पर सभी का स्वागत करते हुए, कार्यक्रम के संयोजक प्रो0 कमान सिंह ने बताया कि पर्यावरण से ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव को भौतिक और रासायनिक प्रौद्योगिकियों द्वारा स्रोत पर ही नियंत्रित करने के विषय पर चर्चा के लिए इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि उदय प्रताप, रिटायर्ड डीआईजी, यूपी, ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार, उद्योगों, नीति निर्माताओं और आम जनता, सभी को मिलकर कार्य करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल अजय कुमार ने जल संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित किया और पानी के संचयन तथा पुनः उपयोग का सुझाव दिया। उन्होंने घरों में आरओ के प्रयोग को बंद करने का, अथवा उससे निकलने वाले अशुद्ध जल को घर के अन्य कामों में प्रयोग करने की बात कही।

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