उप्र में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर लाएगा रोजगार की बहार
- प्रदेश में छह मेगा फूड पार्कों के स्थापना का वादा होगा पूरा
- आलू व प्याज की एमएसपी के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष का गठन जल्द
- लखनऊ समेत कई जिलों में आलू और फल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को बड़ा माध्यम बनाने का प्लान तैयार किया है। अगले 100 दिनों में कुशीनगर में आलू के लिए और हापुड़ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण शुरू होने जा रहा है, तो प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजनांतर्गत 14 नए इन्क्यूबेशन सेंटरों का निर्माण भी शुरू करने की तैयारी है। यही नहीं, लोककल्याण संकल्प पत्र में जिन 06 मेगा फूड पार्कों के स्थापना का वादा है, उसे पूरा करने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। सरकार की इन कोशिशों से औद्योगिक निवेश में बढ़ेगा ही, प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का माहौल भी बेहतर होगा और बड़ी संख्या में रोजगार के मौके भी बनेंगे।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को यहां बताया कि बीते 05 वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मौकों पर उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को रोजगार की बड़ी संभावनाओं वाला क्षेत्र कहा था। अपने पहले कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति जारी कर सीएम योगी ने संभावनाओं से भरे इस सेक्टर को एक दिशा दी थी। लगातार कोशिशों से पिछले 05 वर्षों में उद्यान सेक्टर में जहां फल, शाकभाजी, फूल, मसाला फसलों आच्छादन में 1.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का विस्तार हुआ तो उत्पादन में भी 07 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इंडो-इजराइल तकनीक पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बस्ती (फल) और कन्नौज (सब्जी) में स्वीकृत हुआ तो संरक्षित खेती से पुष्प और सब्जी उत्पादन के लिए 177 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 554 किसानों द्वारा पॉलीहाउस व शेडनेट हाउस भी तैयार कराया गया। आलू के भंडारण की क्षमता में 30 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई तो प्याज भंडारण के लिए करीब 200 भंडारण केंद्र बनाए गए। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार अब नए कार्यकाल में सहारनपुर, लखनऊ, हापुड़, कुशीनगर, चन्दौली व कौशाम्बी में आलू और फल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी है। तो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए करीब 30 जिलों में जनपद स्तरीय इन्क्यूबेशन सेंटर भी खोले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि योगी सरकार बहुत जल्द करीब 1000 करोड़ रुपये का भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाने जा रही है। इससे आलू, टमाटर एवं प्याज जैसी सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सीधे उनकी उपज का लाभ भी मिलेगा, जो उनकी आय में बढ़ोतरी का साधन बनेगा। कृषि उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन देने की रणनीति के तहत जल्द ही 4000 नए एफपीओ बनाने की तैयारी है। हर एफपीओ किसी एक खास उपज पर केंद्रित होंगे। इन्हें 18 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद सरकार दिलाएगी। 06 मेगा फूड पार्क की घोषणा हालिया चुनाव में भाजपा ने की थी, जिसे पूरा करने के लिए योगी सरकार तैयारी कर रही है। रोजगारोन्मुखी कोशिशों के तहत कुकरी, बेकरी और कन्फेक्शनरी के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने का विशेष अभियान जल्द ही शुरू होने जा रहा है।
प्रवक्ता के अनुसार, इसी तरह राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों पर एक वर्षीय, एक माह और 100 दिन की अवधि वाले ट्रेड डिप्लोमा कोर्स और राजकीय सामुदायिक फल संरक्षण केंद्रों पर 15 दिन व 03 दिन की अल्प अवधि के प्रशिक्षण कोर्स भी शुरू करने की योजना पर सरकार काम कर रही है।