वास्तविक जीवन को भूल आकर्षक जीवन की ओर भाग रहे हैं युवा : हरिओम तिवारी

- अयोध्या के जानकी महल ट्रस्ट में चल रही पंच दिवसीय रामकथा को सुनने प्रतिदिन पहुंचते हैं सैकड़ों लोग
अयोध्या। आज का युवा धरातल पर रहकर वास्तविक जीवन जीने की अपेक्षा बनावटी व आकर्षक जीवन जीने की ओर आंख मूंदे भागा चला जा रहा है। स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने की आपाधापी में लोग मानव मूल्यों को भूल चुके हैं, जबकि आज के युवा वर्ग के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। जीवन की वास्तविकता को पहचान कर जन- कल्याण की नियति से जीवन यापन करना। यह बातें प्रसिद्ध समाजसेवी हरिओम तिवारी ने अयोध्या के जानकी महल ट्रस्ट में चल रही पांच दिवसीय रामकथा के क्रम में तीसरे दिन कथा सुनने आए भक्तगणों से कही।
कथा व्यास के रूप में बोलते हुए हरिओम ने कहा कि जिस प्रकार किसी पेड़ पर फ़लों से कई गुना संख्या में पत्तियां रहती हैं, परंतु पेड़ की वास्तविक पहचान उसके फलों से होती है। उसी प्रकार मानव का जीवन भी है। अर्थात मानव कर्म प्रधान है, समाज में किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके द्वारा किये गये कार्यों से होती है। उन्होंने कहा कि यह हमारे कर्म ही होते हैं जो हमें औरों से बेहतर व अलग बनाते हैं,अन्यथा एक ही नाम के तो न जाने कितने लोग इस धरा पर निवास करते हैं। समाजसेवी ने आये लोगों से आवाहन किया कि हम लोग सदैव सबसे मीठी वाणी में बोलने की कोशिश करे जिससे हमारी बातों से किसी के भी हृदय को चोट न पहुंचे।
ज्ञात हो कि कथा व्यास हरिओम तिवारी उद्योगपति होने के साथ ही समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका में रहते हैं। उन्होंने राघवचरणानुरागी सेवा दल नामक समूह की स्थापना कर लोगों के जरूरत में सहायता हेतु सदैव उपस्थित रहने का सुलभ रास्ता बनाया है। इस अवसर पर शिवओम तिवारी, संदीप तिवारी,प्रदीप दुबे, प्रदीप पाण्डेय, नरेश पोतदार, आदित्य सुल्तानिया, सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे।