उत्तर प्रदेशलखनऊ

उम्रकैद की सजा के बाद जेल पहुंचते ही फूट-फूटकर रोने लगा गायत्री प्रसाद प्रजापति

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एमपीए-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद शुक्रवार रात करीब नौ बजे जिला जेल पहुंचे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति फूट-फूटकर रोने लगा. पुलिसे गायत्री को उसके बाद अस्पताल ले गई और उसके स्वास्थ्य की जांच की. गायत्री की स्थिति को देखते हुए जेल अस्पताल के प्रभारी डिप्टी जेलर के अलावा दो जेलरों को गायत्री की सुरक्षा में तैनात किया गया है. असल में गायत्री को लंबे समय से जेल अस्पताल में भर्ती था और उसे डायबिटीज, पेशाब, सिरदर्द और पीठ दर्द की बीमारी है. वहीं सजा सुनाए जाने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति उदास रहने लगा है. वहीं गायत्री की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.

कोर्ट ने नाबालिग से गैंगरेप पर सुनाई उम्रकैद

दरअसल एमपी-एमएलगायत्री कोर्ट ने शुक्रवार को गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके दो साथियों अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को उम्रकैद की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उन्हें नाबालिग के साथ गैंगरेप और रेप के प्रयास के मामलों में दोषी करते देते हुए अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

तीनों आरोपियों को जेल में बितानी होगी जिंदगी

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि सभी आरोपी सामूहिक बलात्कार और यौन अपराधों के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेफ फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेस्टेनेर एक्ट 2012 के तहत पूरी तरह दोषी हैं. इन लोगों द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है जिसका समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है . कोर्ट ने कहा कि आजीवन कारावास का अर्थ उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास होगा और अब इन तीनों दोषियों को बाकी जिंदगी जेल में बितानी होगी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री पर दर्ज हुआ था केस

इस मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एसएन राय और विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि 16 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गौतमपल्ली थाने में 18 फरवरी 2017 को तत्कालीन एसपी सरकार के दौरान खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी, इस मामले में गायत्री के साथ ही अशोक तिवारी, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश और आशीष कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी, 354ए, 509, 504, 506,धारा 5जी, धारा 6 प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेल फ्रॉम सेक्सुअल ऑफ क्राइम्स एक्ट के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी और तब से ये मामला चल रहा है. इस मामले में अब गायत्री प्रसाद प्रजापति और उसके दो सहयोगियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

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