उत्तर प्रदेशकानपुर

यूपी के कानपुर देहात में बसाया जाएगा बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थी परिवारों को, सरकार मकान के लिए देगी जमीन और रोजगार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिंदू शरणार्थी परिवारों को लेकर बड़ा फैसला किया है. अब इन परिवारों को कानपुर देहात के रसूलाबाद में बसाया जाएगा. जबकि अभी ये परिवार मेरठ के हस्तिनापुर में रह रहे हैं. ये लोग यहां पर पिछले पचास साल से रह रहे हैं. लेकिन अब इन्हें कानपुर के रसूलाबाद के भैसियां गांव के माजरा महेंद्र नगर में बसया जाएगा. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कानपुर देहात पहुंचकर जमीन देखी और स्थानीय लोगों से बातचीत की. उन्होंने रसूलाबाद के गेस्ट हाउस में बैठकर उन्होंने अधिकारियों इस पर चर्चा की और कार्ययोजना समझी. जानकारी के मुताबिक यहां पर शरणार्थियों के लिए रोजगार के इंतजाम भी किए जा रहे हैं.

दरअसल, 1970 में पाकिस्तान के विभाजन के दौरान पूर्वी पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों से तंग आकर बड़ी संख्या में हिंदू परिवारों ने वहां से पलायन कर भारत में शरण ली थी. इसमें 63 परिवार अस्थायी तौर पर मेरठ के हस्तिनापुर में बस गए थे और वहां पर काम करने लगे थे. लेकिन मदन धागा मिल बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी और आवास की समस्या खड़ी हो गई हैं. वहीं 1971 में बांग्लादेश से आए कई परिवारों को महेंद्र नगर रसूलाबाद में बसाया गया, जहां पुनर्वास विभाग के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री हुई.

अपर मुख्य सचिव ने स्थानीय लोगों से की बातचीत

अब यूपी सरकार पूर्वी पाकिस्तान से आए ये परिवार भी इस जमीन पर बसने की तैयारी कर रही है और रविवार को राज्य के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह रसूलाबाद पहुंचे और बैठक के बाद कार्ययोजना का परीक्षण भी किया गया और फिर वह सीधे महेंद्रनगर पहुंचे. यहां उन्होंने पहले से बसे बंगाली परिवारों से बात की और नए परिवारों के बंदोबस्त के लिए चिह्नित जमीन देखी. उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्या सुनी और समाधान के निर्देश दिए.

मदन मिल बंद होने के कारण बेरोजगार हैं शरणार्थी

असल में पूर्वी पाकिस्तान से आने के बाद मेरठ के हस्तिनापुर में बसने के बाद उन्हें मदन मिल में नौकरी दी गई. लेकिन करीब 30 साल पहले मिल बंद होने के कारण परिवार बेरोजगार हो गए हैं और मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं.

51 साल से जी रहे हैं निर्वासित जीवन

असल में 1971 में अपना घर छोड़कर आए ये परिवार 51 साल से निर्वासित जीवन जी रहे हैं और इन परिवारों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. हालांकि पहले पुनर्वास विभाग के पास पर्याप्त जमीन न होने के कारण इसकी तलाश की जा रही थी, लेकिन अब रसूलाबाद में पुनर्वास के नाम पर जमीन मिली है.

शरणार्थी परिवारों को मिलेंगी ये सुविधाएं

63 परिवारों के पुनर्वास के तहत बसे होंगे
खेती को भी मिलेगी दो एकड़ जमीन
इन परिवारों को 126 एकड़ जमीन में जाएगा बसाया
हर परिवार के लिए आवास के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन देगी सरकार
आवास निर्माण के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से 20 लाख की सहायता दी जाएगी
मनरेगा से जोड़े जाएंगे परिवार

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button