पुलिस हिरासत में अल्ताफ की हुई मौत की हो उच्च स्तरीय जांच : जमीयत उलमा
कानपुर। कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत को लेकर जमीअत उलमा हिन्द मुखर होने लगा है। जमीयत उलमा के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी ने मांग की मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। इसके साथ ही मृतक के परिजनों को सरकार 50 लाख रुपया का मुआवजा दे, ताकि परिजनों को न्याय मिल सके।
मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी ने कानपुर में बताया कि जमीयत उलमा के प्रतिनिधि मण्डल ने कासगंज जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मिल कर वारदात में शामिल पुलिसकर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की। मृतक अल्ताफ के परिजनों से भेंटकर उनका गम बांटा और मुकदमा लड़ने के निर्णय लिया। जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासमी ने कासगंज में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय नौयुवक अल्ताफ की हुई मौत पर दुख और चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाये। वारदात में शामिल पुलिसकर्मियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाये और मृतक के परिजनों को 50 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाये।
कासमी ने जमीअत उलमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के हवाले से उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउण्टर और हिरासत में मौतों के सिलसिलेवार मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि उन तमाम मामलों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक उच्चस्तरीय कमेटी से जांच कराई जाये। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की पहचान हमेशा से मानवाधिकारों की रक्षा जैसे उच्च मूल्य से रही है, अगर कोई सरकार इसे कायम रखने में नाकाम है तो इससे बड़ी नाकामी कुछ और नहीं हो सकती। कासगंज में जो कुछ हुआ और इसे जिस तरह छिपाने की कोशिश की गई, वह अपने आप में शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्था जमीअत उलमा हिन्द दुखी मां-बाप के साथ खड़ी है और उनको इंसाफ दिलाने के लिये अपने वकीलों को खड़ा करेगी। कासमी ने बताया कि आज जमीअत उलमा हिन्द के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीअत के एक प्रतिनिधिमण्डल ने कासगंज का दौरा किया और जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे से मुलाकात करके न्याय की मांग की। साथ ही जमीअत के प्रतिनिधिमण्डल ने घर जाकर चांद मियां और अन्य परिजनों से भी मुलाकात की, नको श्रद्धांजलि पेश की और हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रतिनिधिमण्डल में मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, यासीन जहाजी, डा. अजहर अली, मुफ्ती खुबैब, मौलाना मुहम्मद इसरारुल्लाह, कारी मुहम्मद राशिद मौजूद रहें।