उत्तर प्रदेशकानपुर

जानलेवा वायरस का बनाया मजाक! संक्रमित महिला ने दिया बच्चों को जन्म, अफसरों को खबर तक नहीं

उत्तर प्रदेश में जीका वायरस का कहर है और अफसरों को अलर्ट पर रखा गया है. लेकिन अफसर किस कदर अलर्ट हैं ये इस घटना से समझा जा सकता है. क्योंकि जिले में संक्रमित गर्भवती ने जुड़वा बच्चों को भी जन्म दिया, लेकिन सीएमओ की निगरानी टीम को इस बारे में पता तक नहीं चला और ना ही अस्पताल संचालक ने भी जानकारी दी. लेकिन जब एक बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने बुधवार रात 12 बजे सीएमओ टीम को सूचना दी. लेकिन बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग जागा और अब वह अस्पताल को नोटिस देने की तैयारी में है.

उत्तर प्रदेश में लगातार जीका वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि इस वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. वहीं जीका वायरस से सबसे प्रभावित कानपुर जिला है. जहां सबसे ज्यादा जीका वायरस के मामले सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक जीका संक्रमित काजीखेड़ा निवासी महिला को हाई रिस्क पर ती और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद परिजनों ने डिलीवरी कराई. जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं हुई. वहीं सीएमओ टीम का कहना है कि जिस अस्पताल में डिलीवरी कराई गई उसने भी संक्रमण की बात छिपाई थी. लेकिन जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो इसकी जानकारी टीम को दी गई. फिलहाल टीम इस बात की जांच के लिए सैंपल लेने की तैयारी कर रही है. ताकि इस बात का पता चल सके कि महिला निगेटिव है या पॉजिटिव.

तीन गर्भवती महिलाएं हुई संक्रमण मुक्त

जिले में अब तक नौ गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस इंफेक्शन हो चुका है और इसमें से तीन निगेटिव हो गए हैं. वहीं फेथफुलगंज और चकेरी की निगेटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी भी हो चुकी है और शिशुओं को कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है. वहीं दो अन्य महिलाओं की डिलीवरी होने वाली है.

तीन किलोमीटर में नर्सिंग होम को देनी है जानकारी

सीएमओ का कहना है कि जिले के जीका वायरस प्रभावितों के तीन किलोमीटर के दायरे में नर्सिंग होम को जीका से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के बारे में जानकारी देनी जरूरी है. वहीं अगर डॉक्टर भी अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी जरूरी है. जिले में संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी के लिए अपर इंडिया अस्पताल और डफरिन को नोडल अस्पताल बनाया गया है. ये महिलाएं यहां पर भी डिलीवरी करा सकती हैं.

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