उत्तर प्रदेशलखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: घायल किसानों को बिना किसी देरी के दिया जाए 10 लाख रुपए मुआवजा, संयुक्त किसान मोर्चा ने योगी सरकार से की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में घायल किसानों को बिना किसी देरी के वादे के मुताबिक 10 लाख रुपए का मुआवजा दे. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एसकेएम ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से चार अक्टूबर को हिंसा में घायल हुए किसानों के लिए घोषित मुआवजे का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. उसने कहा, “यह समझा जाता है कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में घायलों को वादा किए गए मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है. एसकेएम की मांग है कि मुआवजे का भुगतान बिना किसी और देरी के किया जाए.”

उत्तर प्रदेश सरकार ने की थी मुआवजा देने की घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने घटना में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45 लाख रुपये और हिंसा में घायल हुए लोगों के लिये 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को आठ लोगों की मौत हो गई थी. आठ पीड़ितों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन ने टक्कर मार दी थी.

पुलिस इस मामले में अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस बीच, एसकेएम ने कहा कि 26 नवंबर के अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन की तैयारी जोरों पर है और किसानों को जुटाने के लिए कई राज्यों में तैयारी बैठकें की जा रही हैं.

एसकेएम ने आंदोलन के एक वर्ष के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को राज्यों की राजधानियों में बड़े पैमाने पर महापंचायतों का आह्वान किया है. बयान में कहा गया, “22 नवंबर को ‘लखनऊ महापंचायत’ की तैयारी भी जोरों पर है, और महापंचायत में किसानों की भारी भीड़ होने की उम्मीद है, जो किसान विरोधी भाजपा को एक कड़ा संदेश देगी.”

(भाषा से इनपुट)

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