उत्तर प्रदेशलखनऊ

सरकार ने जो रास्ते खोले हैं उसी पर 29 नवंबर को 60 ट्रैक्टर से संसद तक करेंगे मार्च, हमारा आंदोलन बातचीत के लिए: राकेश टिकैत

कृषि कानूनों को वापस लेने की पीएम मोदी ने घोषणा कर दी है. इसके बावजूद किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैसला लिया गया है कि आंदोलन पहले की तरह चलता रहेगा. पहले से जो भी प्रोग्राम तय हैं वह चलेंगे. 29 नवंबर को संसद कूच किया जाएगा. मंगलवार को इसे लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम संसद कूच करेंगे. हमारा आंदोलन सरकार से बातचीत के लिए है. राकेश टिकैत ने कहा, “29 नवंबर को ट्रैक्टर मार्च में 60 ट्रैक्टर जाएंगे. ट्रैक्टर उन रास्तों से जाएंगे जो रास्ते सरकार ने खोले हैं. हम पर इल्जाम लगा था कि हमने रास्ते बंद कर रखे हैं. हमने रास्ते बंद नहीं किए. हमारा आंदोलन सरकार से बात करने का है.”

‘किसानों को बांटना चाहती है सरकार’

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को बांटने में लगी है. जबकि उसे किसानों कों बांटने की जगह मुद्दे सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए. हम कहीं नहीं जाने वाले. राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून से किसानों को नुकसान होगा, ये बात समझने में सरकार को एक साल लगा. और जब अब कानून वापस लिए जा रहे हैं उस दौरान भी किसानों को बांटने में सरकार लगी है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार को एमएसपी को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

ये है किसानों की योजना

रविवार को सिंघू बॉर्डर पर तीन घंटे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पीएम ने कृषि कानून वापस लेने को कहा है. हम पीएम मोदी को अब खुला पत्र लिखेंगे. इस पत्र में एमएसपी, बिजली संशोधन बिल, किसानों पर दर्ज मुकदने और किसानों की मौत पर वो क्या फैसले लेने वाले हैं ये पूछा जाएगा. 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरा होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाई जाएगी. 29 नवंबर को संसद कूच किया जाएगा.

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