उत्तर प्रदेशलखनऊ

गोमती नदी से आई जहरीली झाग वाली तस्वीरें, प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने बढ़ाई चिंता

  • प्रदूषण के बढ़ते स्तर को दिखा रहा है गोमती नदी का जहरीला झाग
  • नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए बनी योजनाओं का नहीं दिख रहा लाभ
  • एसटीपी निर्माण की योजनाओं को पूरा करने में समय पर नहीं मिली कामयाबी

लखनऊ: दीपावली के बाद से लखनऊ की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। वहीं, अब गोमती नदी की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे लोगों को परेशान करने वाली हैं। गोमती नदी के पानी से जहरीली झाग निकलती तस्वीरें नदी के प्रदूषण की स्थिति को दर्शा रही हैं। पिछले दिनों जिस प्रकार से यमुना नदी के पानी में जहरीली झाग की तस्वीरों ने सवाल खड़े किए, उसी प्रकार से गोमती नदी की तस्वीरें भी अब प्रदूषण नियंत्रण को लेकर चल रही कवायदों पर सवाल खड़े कर रही है।

गोमती नदी के प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। दावा नदी में गिरने वाले तमाम नालों के पानी को ट्रीट कर ही डाले जाने का है। लेकिन, जहरीली झाग के पानी में बहते दिखने से दावों की हवा निकलती साफ देखी जा सकती है। माना जाता है कि पानी में आमोनिया का स्तर बढ़ने से इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है। साथ ही, फैक्ट्रियों, रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट के कारण वेस्ट वाटर में फॉस्फेट की बढ़ने वाली मात्रा भी जहरीली झाग बनाती है। अगर इस पानी में कोई नहाता है तो यह निश्चित तौर पर उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला होगा।

एसटीपी प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने से स्थिति गंभीर

एक रिपोर्ट के अनुसार, गोमती नदी में एक दिन में 10 करोड़ लीटर गंदा पानी गिरता है। लखनऊ हैदर कैनाल के पास 100 एमएलडी का एसटीपी तैयार किया जाना है। जुलाई 2018 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट जनवरी 2021 में पूरा होना था। इसके पूरा नहीं होने के कारण प्रोजेक्ट को दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इस कारण 22 नालों से आने वाला गंदा पानी सीधे गोमती नदी में गिरता है। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इससे निपटने को लेकर इंतजामों को अभी पूरा हाने में समय लगने की भी बात कही जा रही है।

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