उत्तर प्रदेशचंदौली

प्रदेश में जाति के आधार पर पुलिस कर रही कार्यवाही, धर्म के आधार पर चल रहा बुलडोजर: अखिलेश

  • चंदौली में सपा के अध्यक्ष पीड़ित परिवार से मिले, कानूनी व आर्थिक मदद की बात कही

चंदौली /वाराणसी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जाति देखकर पुलिस कार्रवाई कर रही है। और धर्म देखकर बुल्डोजर चल रहा है। जाति के आधार पर काम कराने वाले आज खुद जाति के आधार पर सुनवाई भी कर रहे हैं।

चंदौली के सैयदराजा मनराजपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने पुलिस दबिश के दौरान जान गंवाने वाली युवती के पिता कन्हैया यादव, बहन गुंजा सहित अन्य परिजनों से मुलाकात की और उनसे पूरी जानकारी ली। मृत युवती के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर अखिलेश यादव ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सपा कानूनी व आर्थिक मदद करेगी। बच्ची को न्याय दिलाने की लड़ाई हम लड़ेंगे। हमें सरकारी जांच पर भरोसा नहीं। हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में जांच हो, तभी पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि ललितपुर में एक बेटी के साथ जिस सरकार के पुलिस वालों ने बलात्कार किया। प्रदेश में जनप्रतिनिधि के दबाव में यूपी सरकार यह कर रही है कि कब किसे फंसाना है। मुख्यमंत्री कहते है कि यूपी में रामराज्य आ गया है। ये सरकार जो बुलडोजर लेकर चल रही है, बताइए कि ललितपुर थाने में बुलडोजर कब चलेगा। उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में भी पुलिस की दबिश में महिला की जान गई। हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है।

अखिलेश यादव ने कहा कि जो सरकार पुलिस को चुनाव जिताने में लगा दे, उस सरकार से क्या उम्मीद करोगे। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में होने वाली मौत के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन बन गया है। मानवाधिकार व महिला आयोग से सबसे अधिक नोटिस यूपी सरकार को मिल रही है। इसके पहले वाराणसी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यूपी पुलिस दबिश देने नहीं बल्कि दबंगई करने जाती है। यूपी के थाने अराजकता के केंद्र बन गए हैं।

ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसी तरह का कार्य करती है, भाजपा चाहती है की समाज में शांति न रहे, समाज में एक दूसरे से झगड़ा होता रहे, समाज एक दूसरे से बंटकर रहे। ताकि नौकरी बेरोजगारी पर बहस न हो। आज देश की अर्थव्यवस्था कहां पहुंच गई है। डालर की कीमत कहां से कहां पहुंच गई है, इस पर कोई बहस नहीं कर रहा है।

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