वर्तमान में इतिहास की सही व्याख्या जरूरी : केशव प्रसाद मौर्य
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- यूपी प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में नेशनल व्हील्स के ‘वीर सावरकर‘ विशेषांक का उपमुख्यमंत्री ने किया विमोचन
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वर्तमान में इतिहास की सही व्याख्या बेहद जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को यदि सही जानकारी नहीं दी जाएगी तो गलत जानकारी की वजह से न सिर्फ अगली पीढ़ी बर्बाद होगी बल्कि भविष्य भी दिग्भ्रमित हो जाएगा। यह बात उन्होंने प्रयागराज से प्रकाशित पाक्षिक अखबार ‘नेशनल व्हील्स‘ के विशेषांक ‘वीर सावरकर‘ के लोकार्पण के अवसर पर कही। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में हुआ। इस अवसर पर विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित भी किया गया।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने आगे कहा कि व्यक्ति चाहे लखनऊ का हो या जम्मू-कश्मीर का, असम का हो या गुजरात का, सब ने देश को आजाद कराने में योगदान दिया है। सभी स्मरणीय, वंदनीय हैं। वीर सावरकर रहने वाले तो महाराष्ट्र के थे, लेकिन उनमें दिल और दिमाग में देश को आजाद कराने की दहकती ज्वाला थी। सावरकर ने इसे साकार रूप दिया। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इस अवसर पर स्वातंत्र्यवीर को याद करना न सिर्फ जरूरी है बल्कि युवा पीढ़ी को जगाने के लिए भी अति आवश्यक है। सावरकर जी ऐसे शख्स थे, जिनके नाम मात्र से ही अंग्रेज थर्राने लगते थे।
देश को आजाद कराने में सबका योगदान रहा है लेकिन राजनीतिक कारणों से किसी को विवादस्पद बना दिया जाता है। जो व्यक्ति विदेशी वस्त्रों की होली जला सकता है, लंदन जाकर आजादी के वीरों को एकत्र कर स्वतंत्रता की अलख जगा सकता है, पकड़े जाने के बाद पानी के जहाज से भारत लाने के दौरान समुद्र की भयानक लहरों में कूद सकता है, कालापानी की सजा की क्रूरतम यातना झेल सकता है, जरा सोचिए उस पर गलत लांछन लगाना कहां तक उचित है? हकीकत में इतिहास ही गलत लोगों द्वारा लिखा गया है। इसमें सुधार की जरूरत है।
मुख्य वक्ता राष्ट्र धर्म पत्रिका के प्रबंध संपादक डॉ. पवनपुत्र बादल ने वीर सावरकर के जीवनवृत्त, देश को आजाद कराने में उनकी भूमिका पर न सिर्फ प्रकाश डाला बल्कि उन पर लगाए गए आरोपों का एक-एक कर खंडन भी किया। हकीकत को देश और समाज के सामने रखा। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने ब्लॉसम इंडिया फाउंडेशन के निदेशक और 2021 अनाथ व निराश्रित बच्चों के शिक्षा की व्यवस्था करने वाले शशि प्रकाश सिंह और हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।