उत्तर प्रदेशलखनऊ

वसीम रिजवी की किताब पर बैन को लेकर हाई कोर्ट में PIL दाखिल, एसोसिएशन ने कहा- मुकदमों से बचने के लिए किया धर्म परिवर्तन

मुंबई स्थित संस्था ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की विवादास्पद पुस्तक “मोहम्मद” पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक जनहित याचिका दायर की. संवाददाताओं से यहां बातचीत में एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने कहा कि किसी भी राजनीति में पैगंबर मोहम्मद और पवित्र ग्रंथ कुरान को लाया जाना उचित नहीं है.

अंसारी ने कहा कि वसीम रिजवी के खिलाफ 27 मुकदमे दर्ज हैं और इन मुकदमों से बचने के लिए रिजवी ने धर्म परिवर्तन किया है. अंसारी ने कहा कि आपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति द्वारा लिखी गई यह किताब एक आपराधिक किताब है, जिसमें खुले तौर पर अपराधीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. अंसारी की वकील सहर नकवी ने बताया कि इस जनहित याचिका में पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध के साथ ही यह भी आग्रह किया गया है कि सोशल मीडिया पर वसीम रिजवी के जितने भी विवादित बयान हैं, उन्हें हटाया जाए और उन्हें आगे ऐसे बयान देने से रोका जाए.

वसीम रिजवी ने किया धर्म परिवर्तन

गाजियाबाद के डासना मंदिर में सोमवार को शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने धर्म परिवर्तन कर लिया. उन्होंने इस्लाम धर्म छोड़ कर सनातन धर्म अपना लिया. अनुष्ठान का संचालन मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने किया, जो प्रभावशाली जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी हैं. समारोह के बाद, रिज़वी का नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि यह उनकी पसंद है कि किस धर्म का पालन करना है. उन्होंने कहा, “मुझे इस्लाम से बाहर धकेला जा रहा था. मेरे सिर पर इनामी राशि थी. इसलिए, मैंने दुनिया के सबसे पुराने धर्म को अपनाने का विकल्प चुना.” वक्फ के पूर्व अधिकारी कुरान से 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने के लिए भी चर्चा में आ चुके हैं.

(इनपुट-भाषा)

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