अयोध्याउत्तर प्रदेश

राम मंदिर परिसर पहुंचा 300000 kg वजन को उठाने वाली क्रेन मशीन, जाने किस कार्य में होगा प्रयोग

अयोध्या। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भारी बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण अब और तीव्र गति से किये जाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। जिसके लिए कार्य क्षमता को बढ़ाने वाली देश की कई बड़ी मशीनों को मंदिर निर्माण के लिए परिसर में उतार दिया गया है। ट्रस्ट के मुताबिक दिए गए समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है।

मंदिर निर्माण के लिए जल्द पहुंचने लगेगा राजस्थान के पत्थर

राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए नींव पर फाउंडेशन तैयार किया जा रहा है जिसमें कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थरों से इस पूरे फर्श को 6 मीटर ऊंचा बनेगा। इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर में 4 टावर क्रेन लगाया गया है। जिसे जून माह तक पूरा कर लिया जाएगा राजस्थान के पिंक सेंड स्टोन से मंदिर तैयार की जाने के लिए राजस्थान में चलाई जा रही कार्यशाला से पत्थरों को लाने का क्रम भी शुरू होने जा रहा है।

वहीं विश्व की सबसे सुंदर और भव्य मंदिर निर्माण में तैयार हो रहे एक एक पत्थरों का भार टनों में नापा गया है। जिसके लिए देश के कई बड़े मशीनों को अब परिसर में उतारने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। आज देश की बड़ी मशीनों में माने जाने वाली क्रेन को पहुंचा दिया गया है। जो एक साथ 300 टन यानी 300000 किलो के भार को उठाने का क्षमता रखता है। और भारत की कई बड़ी मशीनों में से एक माना जा सकता है। क्रेन मशीन को लेकर अयोध्या पहुंचे ड्राइवर जानकारी दीजिए कल इस मशीन को लेकर फतेहपुर से चले हैं आज यहां मशीन अयोध्या पहुंचा है।

सुरक्षित और अच्छे तरीको से हो रहा मंदिर का निर्माण : ट्रस्ट

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय के मुताबिक परिसर में बहुत अच्छे और बेहतरीन तरीके से निर्माण कार्य चल रहा है। यह मंदिर वषों तक सुरक्षित रहे इसका ध्यान रखते हुए देश के बड़े इंजीनियरों के अध्ययन से बन रहा है। इसके लिए देश की बड़ी कंपनियों को लगाया गया है तो वही मंदिर निर्माण में उपयोग के लिए उसके क्षमता के अनुकूल परिसर में लगाया गया है।

साथ ही कहा कि परिसर में मंदिर के प्लिंथ यानी खर्च का निर्माण हो रहा है राका जिस गति से किया जाना है उस गति से किया जा रहा है। और हम सब इस कार्य से संतुष्ट हैं तो वही या भी मानते हैं कि दिसंबर 2023 तक मंदिर कार्य को उस स्तर तक पूरा कर लिया जाएगा भगवान श्री राम लला अपने गर्भ ग्रह में विराजमान हो जाएं और जिस 500 वर्षों से लोगों का सपना रहा है भव्य मंदिर में रामलला का दर्शन करने का वह पूरा हो जाएगा।

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