बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दबाव का डिप्रेशन, तूफान बनने की संभावना
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अक्टूबर के महीने में शांत रहने के बाद बंगाल की खाड़ी नवंबर में एक बार फिर सक्रिय हो चली है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में समुद्री तूफान गुलाब बना था। उसी के अवशेष अरब सागर में जाकर समुद्री तूफान शाहीन में बदल गए थे। अक्टूबर के महीने में एक भी समुद्री तूफान नहीं बना। नवंबर नवंबर में पहला डिप्रेशन बंगाल की खाड़ी में बना तथा उसने चेन्नई सहित तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश में भारी बारिश दी।
अब एक बार फिर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिणी अंडमान समुद्र में बनने वाला है जो पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 15 नवंबर तक डिप्रेशन बन जाएगा। इस समय बंगाल की खाड़ी में समुद्री सतह के तापमान समुद्री तूफान बनने के लिए अनुकूल है। यह डिप्रेशन आंध्र प्रदेश स्टेट की तरफ आगे बढ़ेगा और हो सकता है यह धूप डिप्रेशन में भी तब्दील हो जाए। यह डिप्रेशन भारत के स्टेट की तरफ तेजी से आगे बढ़ेगा इसलिए इसे समुद्र में अधिक समय तक रहने का अवसर प्राप्त नहीं होगा। इसलिए इसके समुद्री तूफान में तब्दील होने की संभावना कम नजर आ रही है। परंतु इस क्लाइमेट उसके ऊपर नजर रखे हुए हैं तथा इसके बारे में समय-समय पर जानकारी देता रहेगा।
अगर यहां समुद्री तूफान में तब्दील नहीं भी होता तो भी वहां डिप्रेशन या दूध डिप्रेशन के रूप में अंडमान निकोबार दीप समूह में 15 नवंबर तक भारी बारिश दे सकता है। 16 से 18 नवंबर के बीच इसका प्रभाव आंध्रप्रदेश के तटों सहित पश्चिमी उड़ीसा, दक्षिणी छत्तीसगढ़ तथा तेलंगाना में देखा जाएगा तथा इन जगहों पर भारी से भारी बारिश हो सकती है। 15 से 17 नवंबर के बीच आंध्र प्रदेश तथा वर्षा के तट पर हवा की रफ्तार तेज रहेगी तथा समुद्र में लहरें भी ऊंची हो सकती है।
अक्टूबर से दिसंबर का महीना अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान तथा डिप्रेशन बनने के लिए अनुकूल होता है। भारतीय समुद्रों में जैसे कि बंगाल की खाड़ी हिंद महासागर तथा अरब सागर में बनने वाले तूफानों को 13 देश अपना नाम देते हैं जो क्रमशः बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यानमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरेबिया, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स तथा यमन है। यदि अब वही तूफान इन समुद्रों में बनता है तो उसका नाम जोवाद होगा जो सऊदी अरब द्वारा दिया गया है।