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हिंदू देवी-देवताओं के चरित्र पर विवादित लेक्चर देने वाले AMU के प्रोफेसर से थाने में पूछताछ

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने लाया गया. इससे पहले बुधवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जितेंद्र कुमार के हिंदू देवी-देवताओं के चरित्र पर सवाल उठाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.

वहीं प्रोफेसर ने माफी भी मांगी थी. इसके बाद गुरुवार को क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन श्वेताभ पांडेय ने बताया कि आरोपी प्रोफेसर को नोटिस तामिल कराया गया है. फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार पर आरोप हैं कि उन्‍होंने अपनी कक्षा में पेश किए गए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर जितेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले पूर्व छात्र व भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा ने बताया कि कॉलेज में दुष्कर्म को लेकर एक विषय पढ़ाया जा रहा था. यह लेक्चर सहायक प्रोफेसर जितेंद्र कुमार ने दिया. इसमें पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में दुष्कर्म के ऐतिहासिक स्वरूप को बताते हुए जो उदाहरण दिए गए वो हिंदू भावनाओं और आस्थाओं को आहत करने वाले थे. भगवान विष्णु, इंद्र, ब्रह्मा को लेकर अशोभनीय टिप्पणी की गई.

शिकायतकर्ता डॉ. निशित शर्मा ने कहा कि इस मामले में चेयरमैन के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि पाठ्यक्रम भी चेयरमैन ही निर्धारित करते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने ही डॉ. जितेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. डॉ. जितेंद्र कुमार लेक्चर की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रशासन और फैकल्टी ऑफ मेडिसीन ने कड़ी निंदा की. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि डॉ. कुमार ने छात्रों, कर्मचारियों और आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनसे 24 घंटे के भीतर लगाए गए आरोपों पर जवाब मांगा है.

वहीं, इसी मामले में सिविल लाइन सीओ श्वेताभ पांडेय ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र कुमार की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मामला पंजीकृत किया गया था. विवेचनात्मक कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए उपरोक्त प्रकरण में पूछताछ के लिए आरोपी प्रोफेसर को थाने बुलाया गया था. साथ ही उसे नोटिस दिया गया है.

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