यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद का आरोप, प्रीपेड मीटर के जरिए चोर दरवाजे से GST लागू करना चाहती है सरकार, करेंगे विरोध
बिजली उपभोक्ताओं के एक संगठन ने केंद्र सरकार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के सहारे पिछले दरवाजे से उपभोक्ताओं पर माल एवं सेवा कर (GST) का भार डालने की तैयारी का आरोप लगाया है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को एक बयान में कहा कि देश में बिजली पर जीएसटी नहीं वसूला जाता है लेकिन अब केंद्र सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के जरिये चोर दरवाजे से जीएसटी की वसूली की तैयारी कर ली है. यह पूरी तरह असंवैधानिक है.
उन्होंने कहा कि हर उपभोक्ता से प्रतिमाह विद्युत कर वसूला जाता है और अब जीएसटी के तौर पर उपभोक्ताओं से दोहरा कर वसूला जाएगा. यह असंवैधानिक है और सरकार इस व्यवस्था को फौरन समाप्त करे. वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 12 लाख प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. अभी तक इन पर लगने वाले जीएसटी का भार उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाता था, लेकिन पिछली 22 अक्टूबर को सरकार ने एक आदेश जारी कर इसे उपभोक्ताओं से वसूलने को कहा है.
कई किश्तों में वसूला जाएगा GST
वर्मा ने बताया कि बिजली वितरण कंपनियों द्वारा खरीदे जाने वाली मीटरों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. इस व्यय भार को हर महीने उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा. अब जिन उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेगा उनसे मीटर पर लगाए गए 18 प्रतिशत जीएसटी की कई किस्तों में वसूली की जाएगी.
हर महीने 48 करोड़ का GST
उन्होंने बताया कि अगर अकेले उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां लगभग तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. हिसाब लगाएं तो सेवा प्रदाता द्वारा उपभोक्ताओं से हर महीने 48 करोड़ रुपये जीएसटी वसूला जाएगा, जो साल में 576 करोड रुपये बैठता है. वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को मालामाल और प्रदेश के उपभोक्ताओं को बहाल करने के इस कदम का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा और स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर हर घर में जीएसटी की घुसपैठ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
(इनपुट-भाषा)