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हमने कासगंज भेजा है एक डेलिगेशन, पुलिस हिरासत में हुई मौत पर रिपोर्ट आने के बाद करेंगे कोई टिप्पणी: प्रियंका गांधी

कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंच गई हैं. यहां प्रियंका गांधी ने हाल ही में कासगंज में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले पर सवाल उठाया है. उन्होंने कासगंज की सदर कोतवाली में हुई युवक की संदिग्ध मौत पर कहा की उन्होंने एक डेलिगेशन को कासगंज भेजा है, जो पूरे मामले पर रिपोर्ट तैयार करेगा.

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हमने कासगंज में डेलिगेशन भेजा है. डेलिगेशन की रिपोर्ट और स्थिति देखने के बाद हम इसपर कोई टिप्पणी करेंगे.’ मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के कासगंज की सदर कोतवाली में मंगलवार यानी 9 नवंबर को एक युवक की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी. युवक पुलिस की हिरासत में था और एक लड़की को भगाने के आरोप में उससे पूछताछ की जा रही थी.

पुलिस ने युवक की मौत को आत्महत्या बताया है. वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है. मृतक की पहचान अल्ताफ के तौर पर हुई है, जो कि सदर कोतवाली इलाके के नागला सय्यद अहरोली का निवासी था. अल्ताफ के पिता चांद मिया का कहना है, मैंने सोमवार की शाम अपने बेटे को पुलिस के हवाले किया था. 24 घंटे भी नहीं बीते कि मुझे बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली.

ओवैसी ने की आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने की मांग

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना पर दो टूक कहा है कि ये आत्महत्या का मामला नहीं है बल्कि हत्या है और इसी के साथ ओवैसी ने जिम्मेदार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग भी की है. ओवैसी ने कहा, “मुझे एक बात बताइए, क्या कोई पानी के उस नल से लटककर आत्महत्या कर सकता है जिसकी ऊंचाई सिर्फ चार फुट हो? कोई खुद को ऐसे कैसे मार सकता है?” इसी के साथ ओवैसी ने कहा कि अगर उसकी मौत पुलिस कस्टडी में हुई है तो सिर्फ सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा, आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करना होगा.

मायावती ने हिरासत में मौत को बताया दुखद और शर्मनाक

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भी इस मामले को शर्मनाक बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है. BSP प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, “कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक. सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे और पीड़ित परिवार की मदद भी करे. यूपी सरकार आए दिन कस्टडी में मौत रोकने और पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात है.”

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