देश के युवा भारत को बनाएंगे विश्व गुरु: सतीश महाना
- उप्र विधान सभा अध्यक्ष महाना का गुवाहाटी में सम्बोधन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित आठवें राष्ट्रमण्डल संसदीय प्रक्षेत्र सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि नौजवान इस देश का वर्तमान और भविष्य है। जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है। आज हम सभी को उसी ओर चलने की आवश्यकता है। अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी का यह कथन कि हमारा देश युवा शक्ति का प्रतीक है, आज की वास्तविकता है। भारत के नौजवान देश में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में अपनी प्रतिभा और योग्यता के माध्यम से दुनिया को एक नयी दिशा दे रहे हैं। आज विश्व के जिन बड़े संस्थानों का नाम लिया जाता है, उसमें भारत के नौजवान प्राथमिकता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि आज हम लोग आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। अगले 25 वर्षों में हम अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मनायेंगे। तो उसमें हमारे नौजवानों के लगन व परिश्रम की महक पूरे विश्व में होगी। भारत उस स्थान पर होगा, जिस स्थान पर विश्वगुरू की स्थापना होगी। भारत को विश्वगुरू का स्थान दिलाने में युवाओं का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। आज देश में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नौजवानों को स्टैण्ड अप, स्टार्ट अप इण्डिया, अटल इनोवेशन मिशन, प्राइम मिनिस्टर फैलोशिप आदि अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। आज देश में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अलग-अलग राज्य नौजवानों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग तकनीकी युग है। अलग-अलग क्षेत्रों में तकनीक का रुतबा बढ़ाने की विशेष आवश्यकता है।
महाना ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात करते हुए कहा कि इस क्षेत्र को हम एनर्जी और क्लाइमेट के लिए उपयोग कर सकते हैं और हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर में इसकी बहुत ही व्यापकता है। स्वामी विवेकानंद पर बात करते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन अपने आप में स्वयं एक जीवनशैली है। वह स्वयं में एक संस्था थे और 100 साल पहले उनके जो विचार थे, वह आज भी हम सबके लिए प्रासंगिक है। उनकी एक बात को आज मैं दोबारा कहना चाहता हूँ कि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे तो हम अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचेंगे।
विधान सभा अध्यक्ष महाना ने मेक इण्डिया और मेक फॉर होल ऑफ द वर्ल्ड की बात करते हुए कहा कि इसके माध्यम से नौजवानों को एक और रास्ता मिला है। उन्होंने नयी शिक्षा नीति का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इसके माध्यम से नयी पीढ़ी को तैयार करने की शुरूआत हुई है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में सुधार आया है। अब ईज ऑफ लिविंग की बात हो रही है। आज युवा की सोच बदली है। वह चर्चा करता है कि हमारा देश पांच ट्रिलियन ईकोनॉमी तक कैसे पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि आज का नौजवान समस्या से दूर नहीं भागता बल्कि उसका एक नियमित समाधान निकालता है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द की बात उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति की ओर चलते रहने की बात से सहमति व्यक्त करते हुए नौजवानों को जागृत करके उनको आगे बढ़ाने की बात की।