रामनवमी पर यूपी में तू तू मैं भी नहीं हुई: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: रामनवमी जुलूस के दौरान कुछ राज्यों में हुई झड़पों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में कोई तनाव नहीं है, यहां तक कि तू तू मैं मैं भी नहीं. हिंदू त्योहार भगवान राम का जन्मोत्सव और रमजान का पवित्र महीना के बावजूद किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह यूपी के नए विकास एजेंडे का प्रतीक है.”रामनवमी अभी मनाई गई. उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ की आबादी रहती है. राज्य भर में 800 रामनवमी जुलूस निकले थे और साथ ही यह रमजान का महीना है और कई रोजा इफ्तार कार्यक्रम चल रहे होंगे. लेकिन वहां भी नहीं था कोई भी तू तू मैं मैं कहीं भी, दंगों को भूल जाएं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार रात अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए एक भाषण में कहा, “यह यूपी के नए विकास एजेंडे का प्रतीक है. दंगों, अराजकता या गुंडागर्दी के लिए यहां अब कोई जगह नहीं है. “हाल के चुनावों में यूपी में रिकॉर्ड बनाकर दूसरा कार्यकाल जीतने वाले योगी आदित्यनाथ ने गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राम नवमी के अवसर पर हुई झड़पों के संदर्भ में बयान दिया, जिसमें दो लोग मारे गए और कई घायल हैं.
मध्य प्रदेश के खरगोन में, शहर के मुस्लिम बहुल हिस्से से गुजरने वाले रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद आगजनी और हिंसा हुई. राज्य की भाजपा सरकार ने तब से 94 लोगों को गिरफ्तार किया है और जुलूस पर कथित रूप से पथराव करने वालों को निशाना बनाकर विध्वंस अभियान शुरू किया है.
योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक मस्जिद के बाहर नवरात्र उत्सव की शुरुआत में एक हिंदू पुजारी के अभद्र भाषा के खिलाफ उनकी सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं. पुजारी बजरंग मुनि ने कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं के अपहरण और बलात्कार की धमकी दी थी. हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया है.
आक्रोश फैलाने वाले एक वायरल वीडियो में, लखनऊ से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैराबाद शहर में भगवा पहने महंत बजरंग मुनि ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में एक जीप से एक सभा को संबोधित के दौरानां सांप्रदायिक और भड़काऊ टिप्पणी की थी और मौजूद भीड़ ने जय श्नी राम के नारों के उनका उत्साह भी बढ़ाया था.
उस दौरान महंत ने दावा किया कि उसकी हत्या की साजिश में 28 लाख रुपये इकट्ठा किए गए थे और ऐसा लगता था कि अगर किसी मुस्लिम ने इलाके में किसी लड़की को परेशान किया, तो वह मुस्लिम महिलाओं का अपहरण कर लेगा और सार्वजनिक रूप से उनका बलात्कार करेगा.