उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद अस्पतालों को समृद्ध करेंगे: दयालु
- नया इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के बजाए पुरानी व्यवस्था में ही होगा बेहतर इलाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में आयुष राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि हम नये इन्फ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने पर जोर देने के बजाए पुरानी व्यवस्था में ही स्वास्थ्य सुविधाओं को गति देंगे। हमने तय किया है कि किसी के अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में अभी फिलहाल नहीं जाएंगे। हम चाहते हैं कि मौजूद सारे अस्पताल और डॉक्टर काम करना शुरू कर दें। वह अपना 100 फीसदी दें। अस्पतालों में अच्छे टाइल्स, एसी और अन्य व्यवस्थाओं की तुलना में हास्पिटैलिटी ज्यादा जरूरी है।
हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए आयुष मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। कोरोना कॉल में आयुर्वेद और साथ में योग का महत्व दुनिया ने देखा है। नयी जिम्मेदारी मिलने के बाद कार्य योजना के बारे में बताया कि सबसे पहले हमारा जोर है कि विभाग के पास जो व्यवस्था है, उसे मजबूत किया जाए। ऐसा न हो कि हम अच्छी व्यवस्थाओं की आस में काम ही न करें और लोगों का इलाज प्रभावित हो।
दयाशंकर मिश्र ने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा गया है कि प्रदेश में जितने आयुर्वेद अस्पताल और कॉलेज हैं, उन्हें ठीक से संचालित किया जाए। उन अस्पतालों में ठीक से इलाज हो। समय पर ओपीडी शुरू हो। तैनात डॉक्टर अस्पताल में पहुंचें। दवाओं की उपलब्धता रहे। ताकि लोगों का भरोसा हमारे आयुर्वेद चिकित्सालयों पर और भी बढ़े। उन्होंने कहा कि पंचकर्मा कराने के लिए लोग केरला जाते हैं। इसी के चलते केरला का पर्यटन समृद्ध है।
हमारे अस्पतालों में क्यों नहीं हो सकता। मेरी सरकार का प्रयास होगा कि आने वाले दिनों में उप्र के आयुर्वेद अस्पतालों में भी पंच कर्म से लेकर अन्य उपयोगी पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा। आयुष मंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को प्राचीन कॉल से ही ज्ञान दिया है। जीवन जीने की कला का ज्ञान हो या फिर चिकित्सा का ज्ञान। कोरोना जैसी महामारी में पूरी दुनिया का आयुर्वेद की तरफ झुकाव देखने को मिला है। आज हमारे योग को पूरी दुनिया के लोगों ने स्वीकारा है।