उत्तर प्रदेशलखनऊ

माडल एरिया बनाने को नेडा व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मध्य एमओयू का बनायें प्रस्ताव : नवनीत सहगल

  • ऊर्जा संरक्षण के समाधान के राह में अग्रसर विषय पर कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ। ऊर्जा संरक्षण के समाधान के राह में अग्रसर होने के लिए मंगलवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उप्र एवं जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण द्वारा ईईएसएल, यूपी नेडा एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार का सहयोग रहा।

ऊर्जा दक्षता तथा एमएसएमई सेक्टर“ के तकनीकी सत्र में मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने मुरादाबाद, वाराणसी, मुजफ्फरनगर में नई तकनीकी पर आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन दिये जाने के लिए माॅडल एरिया के रूप में विकसित किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने इस कार्य में तेजी लाने हेतु विभिन्न विभाग जैसे ईईएसएल, एमएसएमई, नेडा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मध्य एक एमओयू तैयार किये जाने का प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम का उद्घाटन मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उप्र के द्वारा किया गया।

प्रथम सत्र में अनिल कुमार, सचिव, यूपी नेडा, विनम्र मिश्रा, निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय एवं अनिमेष मिश्रा, मुख्य महाप्रबन्धक, ईईएसएल भी सम्मिलित हुये। अपने संबोधन में मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिए छोटे एवं महत्वपूर्ण कदम उठाने पर जोर दिया। उनके द्वारा उद्योगों में जीरो ईफेक्ट-जीरो डिफेक्ट तकनीक अपनाने तथा ग्राम समाज की जमीन पर आफग्रिड सोलर पावर सेंटर बनाये जाने का सुझाव दिया।

आशीष तिवारी, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उ0प्र0 द्वारा पंचामृत के दृष्टिकोण को अपनाते हुये 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में एक बिलियन टन की कटौती किये जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार किये जा रहे ‘स्टेट एक्शन प्लान’में 09 मिशन को सम्मिलित किया गया है, जिसमें वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त किये जाने का रोड मैप तैयार किया गया है।

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