पंचायती राज के सफाईकर्मियों ने लखनऊ पहुंचकर किया प्रदर्शन, मांगें न माने जाने पर हड़ताल की चेतावनी
लखनऊ। सेवा नियमावली अलग से बनाए जाने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर से पहुंचे पंचायती राज के सफाई कर्मियों ने प्रदर्शन किया तथा ईको गार्डेन में सभा की। प्रदर्शनकारियों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से वार्ता की मांग रखी। सफाई कर्मियों ने कहा कि यदि जल्द हमारी मांगेंं मानी नहीं जाती हैं तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे। प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह ने कहा कि हम लम्बे अरसे से अपनी चार सूत्रीय न्यायसम्मत मांगों को लेकर हर स्तर पर पत्राचार कर रहे हैं। जनपद स्तर पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जा चुका है। आज हमें मजबूर होकर राजधानी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब हमने जान की बाजी लगाकर जनसेवा की तब हमें योद्धा कहा गया कि आज हमारी मांगों की इस तरह की अनदेखी से हमारा समाज आहत है। आन्दोलन कारियों ने प्रदर्शन के उपरान्त अपना चार सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस.पी. तिवारी, वरिष्ठ कर्मचारी नेता यूपी सिंह और पूनम वर्मा ने सम्बोधित किया।
सभा को संबोधित करते हुए महामंत्री बसंतलाल ने कहा कि प्रदेश के पंचायती राज ग्रामीण कार्मिकों की मांगें लम्बे अरसे से लम्बित है। प्रदेश सरकार, पंचायत राज विभाग से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन सरकार लगातार मांगों की अनसुनी कर रही है। ग्रामीण पंचायती राज सफाई कार्मिकों के पदों के सृजन के लिए जारी परिपत्र में ग्रामीण सफाई कार्मिकों की अलग से सेवा नियमावली का प्रविधान होने के बावजूद 13 वर्ष बीत जाने पर भी सेवा नियमावली नहीं बन पाई है।
ग्रामीण पंचायती राज सफाई कार्मिकों की मुख्य मांगों में पंचायती राज विभाग के अधीन कार्मिकों की शीघ्र पदोन्नति कराई जाए। पदनाम पंचायत सेवक, प्रधानों के नियन्त्रण से मुक्ति और पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है। धरने को अजीत बाल्मीकि, डीडी चौहान, धीरज यादव, मुलायम सिंह यादव, कुलदीप बाल्मीकि, मयंक गौतम, अजय आर्य, विनोद छाबड़ा, रामकिशन आदि ने सम्बोधित किया।