यूपी के बेरोजगारों पर इस गैंग की बुरी नज़र, एटीएस को मिला सौ करोड़ से ज्यादा की फंडिंग का सबूत
अवैध धर्मांतरण गैंग के विरुद्ध एटीएस की जांच में नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। गैंग से जुड़े लोगों ने इसे रोजगार का जरिया भी बना रखा है। वे फंडिंग करके बेरोजगारों को जोड़ते हैं और फिर अपनी मुहिम में उनका इस्तेमाल करते हैं। अवैध तरीके से विदेशी फंडिंग लेने वाली संस्थाओं के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है।
अवैध धर्मांतरण के लिए हवाला रैकेट से हुई विदेशी फंडिंग की जांच में मिल रही सूचनाओं की तस्दीक कराई जा रही है। अब तक की जांच में हवाला रैकेट के तार खाड़ी देशों के साथ ही अमेरिका व इंग्लैंड तक से जुड़े पाए गए हैं। अब तक 100 करोड़ से ज्यादा फंडिंग के साक्ष्य एटीएस को मिल चुके हैं।
कोर्ट में आरोपियों के विरुद्ध दाखिल आरोप पत्रों में 89 करोड़ की फंडिंग ब्योरा दिया गया है। गैंग के सरगना मो. उमर गौतम के बेटे अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद रोजगार के नाम पर धर्मांतरण के ‘खेल’ का खुलासा होने की संभावना है। अब्दुल्ला इस समय एटीएस की कस्टडी रिमांड पर है। एटीएस छह दिनों तक उससे पूछताछ करेगी।
उमर गौतम व उसके साथियों को ब्रिटेन से संचालित संस्था अल-फला ट्रस्ट से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग हवाला एवं अन्य माध्यमों से की गई थी। जिन स्रोतों से उमर गौतम से संबंधित ट्रस्ट ‘अल-हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन’ को फंडिंग हुई थी, उन्हीं स्रोतों से मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट ‘जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट’ को भी 22 करोड़ की फंडिंग की गई थी।
अब्दुल्ला के बैंक खातों में 75 लाख का लेनदेन
अब्दुल्ला के बारे में पता चला है कि वह धर्मांतरण करने वालों में धन वितरण का काम भी करता था। खुद उसके बैंक खातों में 75 लाख रुपये का लेन-देन पाया गया है, जिसमें लगभग 17 लाख रुपये विदेशों से आए हैं। एटीएस अब अब्दुल्ला के साथ लेन-देन में शामिल युवाओं के बारे में जानकारी जुटा रही है।