मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन के उत्तराखंड दौरे पर हैं। सीएम योगी आज अपने गांव पंचूर के भ्रमण पर निकले और लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देखकर उनके गांव वाले प्रफुल्लित हुए, बच्चों ने जहां योगी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया वहीं महिलाओं ने उनके साथ सेल्फी खिंचाईं। योगी भी गांव वालों का कुशल क्षेम जाना और पुरानी यादों को साझा किया। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पंचूर के ग्रामीण अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। क्योंकि योगी अब एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार का कुर्सी पर काबिज हुए हैं।
करीब 28 साल बाद अपने गांव पहुंचे और 5 साल के लंबे अंतराल के बाद मां का आशीर्वाद लेकर योगी आदित्यनाथ का चेहरा खिल उठा। उन्होंने 28 साल पहले अपना घर छोड़कर गोरखपुर आ गए और यहां गोरक्षनाथ मंदिर में दीक्षा लेकर यहां के महंत अपने गुरु अवैद्यनाथ की सेवा में लग गए। उन्होंने नाथ संप्रदाय के कार्यों को सीखा और अब उसके पीठाधीश्वर भी बन गए हैं। अपने गुरु के सम्मान में योगी आदित्यनाथ ने यमकेश्वर स्थित उनकी जन्मस्थली पर गुरु अवैद्यनाथ की एक प्रतिमा का अनावरण किया।
5 साल बाद मां से मुलाकात
3 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ की 5 साल बाद मां सावित्री देवी से मुलाकात हुई। आदित्यनाथ के आने की खबर पाकर उनके रिश्तेदार और सगे संबंधी भी उनके घर पहुंचे हुए हैं। इससे पहले 11 फरवरी 2017 को वह अपनी मां से मिले थे। 20 अप्रैल 2020 को करोना महामारी के दौरान पिता अंगद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था। वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे। प्रदेशवासियों की चिंता के आगे अपने घर को पीछे रखा और पिता को लखनऊ में ही बैठकर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
कहा जाता है कि जो भी गोरक्षपीठ में या अन्य पीठों में दीक्षा लेता है वह 12 साल तक अपने घर नहीं जा सकता। योगी आदित्यनाथ भी इसी का पालन करते हुए करीब 28 साल बाद अपने पैतृक निवास पहुंचे, जहां उन्हें देख लोग खुशियों से झूम उठे।
गुरु की याद में नम हुई आंखें
मंगलवार को उत्तराखंड के यम्केश्वर में महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गई। उन्होंने प्रतिमा अनावरण के बाद लोगों को संबोधित करते हुए अपनी भावनाओं को रोक नहीं सके। गुरू को याद करते हुए उनके आंसू छलक पड़े। सीएम योगी ने कहा कि आज के ही दिन महंत अवैद्यनाथ महाराज की प्रेरणा से साल 1996-97 में यमकेश्वर में गोरक्षनाथ महाविद्यालय की स्थापना हुई थी।
बहुत छोटी उम्र में महंत अवैद्यनाथ ने घर छोड़ दिया था। साल 1940 के बाद वह कभी भी इस क्षेत्र में नहीं लौटे लेकिन उन्हें हमेशा अपने क्षेत्र की चिंता रहती थी। इसीलिए अपने गुरु के सम्मान में उनके जन्म स्थली पर योगी आदित्यनाथ ने अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण कर अपने गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।