सामर्थ्य हीन व्यक्ति को परिवार का अधिकार नहीं – दिव्य अग्रवाल

सामर्थ्य हीन व्यक्ति को परिवार का अधिकार नहीं – दिव्य अग्रवाल
सदभावना का प्रतीक समाचार 03 अप्रैल 23
देवी शरण मिश्र हिन्दू परिवार अपने परिवारों की सुरक्षा करने में पूर्ण रूप से असमर्थ हैं इसमें कोई संदेह नहीं है । रामनवमी की शोभा यात्रा पर हमला करने के बाद जिहादियों की उन्मादी भीड़ हिन्दू कालोनियो पर हमला करने लगी और हिन्दू परिवारों के पास अपनी सुरक्षा का कोई भी साधन नहीं था । बच्चियां अपने पिता व महिलाये अपने पति की ओर उम्मीद लगा रही थी की यदि भीड़ अंदर आ गयी तो उनके घर के पुरुष उनकी रक्षा कर लेंगे परन्तु पुरुषो के पास मोबाइल से चलचित्र बनाने के अतिरिक्त कोई साधन ही नहीं था। ऐसी स्तिथि में अपनी चिंता छोड़ पत्नी अपने पति की , बिटिया अपने पिता की , मां अपने बच्चो की चिंता करने में लग गयी की यदि इन्हे कुछ हो गया तो क्या होगा । अब कल्पना करके देखिये लाखो के मोबाइल , गाडी , धन , लैविश लाइफ जीने के संसाधन उनमे से कुछ भी ऐसा काम आने वाला नहीं था जिससे परिवार की सुरक्षा उन्मादी भेडियो से की जा सके । वास्तव में इस परिस्थिति का दोषी है कौन , पुरे जीवन अपने बच्चो को सेक्युलर होने का ज्ञान देने वाले आज सरकारों पर दोषारोपण कर रहे हैं । जबकि सनातन सदैव सिखाता है की दानवों के संघार के लिए शस्त्र का धारण व उपयोग करना ही धर्म है । एक समय था जब अमरनाथ यात्रा पर हमले के प्रतिउत्तर में मुंबई में हज यात्रा को प्रतिबंधित करने आह्वान किया गया था तत्पश्चात कुछ ही समय में अमरनाथ यात्रा बहाल हो गयी थी लेकिन अब मानवता की हत्या व महिलाओं की अस्मिता पर खुलेआम आघात किया जा रहा है परन्तु सभ्य समाज ड्राइंग रूम में बैठकर मात्र राजनीति को दोष देने तक सीमित है। जबकि राजनीति का तो यह नियम है जिस समाज के पास ताकत होती है राजनीति उसके समक्ष समर्पण कर देती है। अतः सोचना मानवता को है की जो कल कश्मीर में हुआ , आज बंगाल , महाराष्ट्र व गुजरात में हो रहा है वह कल आपके आस पास नहीं होगा इसकी क्या प्रमाणिकता है अतः जिस परिवार को जन्म दिया है उसकी सुरक्षा का दायित्व सरकार से पहले आपका है इसको प्रत्येक व्यक्ति को स्मरण रखना चाहिए ।

