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दिल्ली एनसीआर की हवा में प्रदूषण पूरी तरह से घुल चुका है. यही कारण है कि दीपावली के 6 दिन बीत जाने के बाद भी एनसीआर के शहरों में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. NCR में सबसे ज्यादा खराब हवा गाजियाबाद की है. गाजियाबाद में एक्यूआई सबसे खराब स्थिति में है. यही कारण है कि बुधवार को इसे देश के 141 शहरों की सूची में सबसे प्रदूषित शहरों में दर्ज किया गया है. इसके साथ बुलंदशहर से लेकर पानीपत तक के हालात गंभीर बने हुए हैं. आने वाले दो दिनों तक हालात यही बने रहेंगे. 13 नवंबर के बाद से ही वायु गुणवत्ता के स्तर में थोड़ा सुधार आने के अनुमान हैं.
दरअसल लगातार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. एनसीआर और आस-पास के शहरों में प्रदूषण बढ़ने का ये एक मुख्य कारण है.सफर के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में किसानों के द्वारा लगातार पराली जलाई जा रही है. बीते 24 घंटे में 5317 पराली जलाई गई हैं. जिससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में 27 फीसदी हिस्सेदारी रही है. हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम बनी हुई है, लेकिन रफ्तार हल्की बनी हुई है. इस वजह से पराली का धुआं कम मात्रा में दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचा है.
दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर की हवा हो जाएगी और भी खराब
सफर का अनुमान है कि अगले दो दिनों में हवा की रफ्तार बढ़ेगी और पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने लगेगा. इससे वायु गुणवत्ता को बिगड़ने में मदद मिलेगी. साथ ही स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की कम गति के कारण प्रदूषण का फैलाव कम होगा और यह एक ही जगह पर ज्यादा समय तक जमा रहेगा. इससे प्रदूषण की चादर दिल्ली-एनसीआर पर छाई रह सकती है. बुधवार को हवा में पीएम 10 का स्तर 321 और पीएम 2.5 का स्तर 198 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है.
बुधवार को गाजियाबाद का एक्यूआई 428 रहा जो 141 शहरों में सबसे ज्यादा है. फरीदाबाद का 380, ग्रेटर नोएडा का 378, गुरुग्राम का 340 और नोएडा का 374 एक्यूआई रहा है.
इन शहरों में है इतना एक्यूआई
बुलंदशहर- 409
हापुड़- 412
बागपत- 409
जिंद- 407
कैथल- 410
पानीपत-417
दिल्ली- 372
फरीदाबाद- 380
ग्रेटर नोएडा- 378
गुरुग्राम -340
नोएडा- 374
प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने तैयार किया 5 सूत्रीय एजेंडा
दिल्ली में प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक ‘एंटी ओपन बर्निंग’ अभियान चलाएगी. 10 विभागों की 550 टीमें इस पर नजर रखेंगी. 304 टीमें दिन और 246 टीमें रात में गश्त करेंगी. सरकार ने डीजल जेनरेटर और कोयला भट्ठियों पर रोक लगाने, मेट्रो और बस के फेरे बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं.