कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली. उनके साथ हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी टीएमसी में शामिल हुए. कीर्ति आजाद कांग्रेस से पहले बीजेपी में थे और 2014 के लोकसभा चुनाव में संसद पहुंचे थे. लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था. 2018 में वह कांग्रेस में शामिल हुए थे. वहीं अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे. 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अशोक तंवर ने टिकट वितरण के लिए पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह पार्टी से अलग हो गया थे. इसी साल फरवरी में उन्होंने ‘अपना भारत मोर्चा’ नाम की पार्टी बनाई थी.
‘देश को सही दिशा में ले जाने की ममता में क्षमता’
कीर्ति आज़ाद ने औपचारिक रुप से टीएमसी की सदस्यता लेते हुए कहा, “दीदी के नेतृत्व में मैं अब रिटायर होउंगा. दीदी ने जमीन पर उतर कर राजनीति की लड़ाई लड़ी है. मैं खिलाड़ी हूं मेरी कोई जाति नहीं है मेरा कोई धर्म नहीं है. देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए दीदी के साथ मिलकर लड़ूंगा.” उन्होंने आगे कहा, “देश को एक नेता की जरुरत है जो देश को सही दिशा में ले जाए. देश में आज विभाजन की राजनीति हो रही है. मैं ममता बनर्जी की नेतृत्व में काम करना चाहता हूं. देश को सही दिशा में ले जाने की ममता में क्षमता है.”
पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा टीएमसी में शामिल
कीर्ति आजाद और अशोक तंवर से पहले पूर्व जेडीयू नेता और राज्यसभा सांसद पवन वर्मा टीएमसी में शामिल हुए. ममता बनर्जी की मौजूदगी में वह टीएमसी में शामिल हुए. पवन वर्मा ने इस दौरान कहा कि जिस तरह से ममता बनर्जी बंगाल में काम कर रही हैं, उसे देखते हुए मैंने टीएमसी में शामिल होने का फैसला लिया है. बता दें कि पवन वर्मा सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके हैंय 2020 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. वह लगातार सीएए का विरोध कर रहे थे, जबकि जेडीयू ने सीएए का समर्थन किया था.