देशबड़ी खबर

कृषि कानूनों को वापस लेने पर किसान यूनियन ने पीएम मोदी का किया अभिनंदन, गाजीपुर बार्डर पर किसानों के बीच बंटी जलेबी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है.केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानून वापस लेने के बाद किसान यूनियन के नेताओं ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. इससे यूपी गेट पर बैठे किसानों में खुशी की लहर है. प्रदर्शनकारियों ने जलेबी बांट कर खुशी का इजहार किया.इसी बीच भारतीय किसान यूनियन भानू प्रताप सिंह जी ने कहा, तीनों कृषि कानून वापस लेने पर देश के माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं लेकिन किसान हित में मांग करता हूं कि 75 सालों की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान जो कर्जदार है, उनका सम्पूर्ण कर्ज माफ करें और किसान आयोग की घोषणा कर दें.

वहीं बीकेयू उगराहां धड़े के नेता ने भी पीएम मोदी के इस फैसले की सराहना की. जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरु पर्व पर कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला अच्छा कदम है.वहीं हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी इसको लेकर कहा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. सभी किसानों को इसका स्वागत करना चाहिए, अब उन्हें अपने धरने समाप्त कर देने चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बहुत-बहुत धन्यवाद

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इसको लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पुरब की बहुत बहुत बधाई. ऐसे पवित्र दिन पर तीनों कृषि कानून वापिस लेने के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद. देशवासियों को भी बधाई. किसान और किसान जत्थेबंदियों को खास बधाई.’

किसानों से घर लौटने की अपील

बता दें पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की भी अपील की. आपको बता दें कि इन तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए लंबे समय से कुछ किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि हम किसानों के हित में यह तीनों कानून लेकर आए थे. ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले. सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे.

जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई. देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया. मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं.पीएम ने कहा कि शायद हम कुछ किसानों को इसके बारे में समझाने में असफल रहे.शायद हमारी तपस्या में कमी रही. भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया. पीएम मोदी ने कहा, हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. हमारी तपस्या में कमी रही.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button