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प्लांड था मणिपुर हमला, PLA और MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी, कहा- नहीं पता था, काफिले में कर्नल की पत्नी और बच्चे भी हैं साथ

मणिपुर में शनिवार को असम राइफल्स (Assam Rifles) की टीम पर घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों ने ली है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने एक संयुक्त बयान में दावा किया है कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया. शनिवार को चुराचांदपुर जिले में आईईडी विस्फोटकों और गोलियों से हुए हमले में असम राइफल्स के एक कमांडिंग अफसर, उनकी पत्नी एवं बेटे और बल के चार अन्य कर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, असम राइफल्स की टीम पर हुआ यह हमला “सुनियोजित और पूरी तैयारी के साथ” हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि इस हमले के बाद भारत को पूर्वोत्तर में उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में रणनीति बदलने की जरूरत है. वहीं पीएलए ने हमले को लेकर प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि संगठन को नहीं मालूम था कि काफिले में कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी और बच्चा भी हैं. संगठन ने कहा कि यह हमला शनिवार सुबह 10 बजे हुआ, जिसे पीएलए और एमएनपीएफ ने अंजाम दिया. उसने इस हमले में हिस्सा लेने वाले कार्यकर्ताओं को बधाई दी.

यह घटना चार जून 2018 के बाद से सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला है, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का हमला किया गया था जिसमें 18 कर्मियों की मौत हो गई थी और अन्य घायल हुए थे. सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) के कर्मी शहीद हो गए थे.

मिजोरम में अवैध तस्करी को रोकने के अभियान में शामिल थे कर्नल

शनिवार को मणिपुर के पहाड़ी इलाकों की शांति भंग करते हुए एक आईईडी धमाका हुआ और पर्वत से गोलियों की बौछार की गई. असम राइफल्स के जवानों ने आड़ लेते हुए हमले का जवाब दिया. बल की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, “46 असम राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी समेत पांच सैनिकों ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. घटना में कमांडिंग अफसर की पत्नी और बेटे की भी जान चली गई. असम राइफल्स के महानिदेशक और सभी रैंक के अधिकारी बहादुर सैनिकों और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.”

असम राइफल्स देश का सबसे पुराना अर्द्धसैन्य बल है, जिसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश राज में हुई थी. यह प्रशासनिक रूप से गृह मंत्रालय के अधीन है, लेकिन ‘ऑपरेशनल’ नियंत्रण भारतीय सेना करती है. असम राइफल्स ने मृतक अधिकारी को श्रद्धांजलि दी, जो जुलाई 2021 में मणिपुर में तबादला किए जाने तक मिजोरम में सेवा दे चुके थे.

हमला करने वाले दोषियों को जल्द सजा दी जाएगी- रक्षा मंत्री

बल ने एक बयान में कहा, ‘‘मिजोरम में अपने कार्यकाल के दौरान उनके सक्षम और ऊर्जावान नेतृत्व में बटालियन आईएमबी और आंतरिक इलाकों में अवैध तस्करी के प्रबंधन में सीमा में अग्रिम मोर्चे पर रही. बटालियन ने कई हथियार और युद्ध जैसी सामग्री भी बरामद की जो राष्ट्र विरोधी तत्वों के हाथों में जा सकती है. कर्नल विप्लव ने अपने उल्लेखनीय प्रयासों से मिजोरम के स्थानीय लोगों के साथ करीबी संबंध बनाए.’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमला करने वाले दोषियों को जल्द सजा दी जाएगी. उन्होंने ट्वीट किया, “मणिपुर के चुराचांदपुर में असम राइफल्स के काफिले पर कायराना हमला बेहद दुखद और निंदनीय है. देश ने 46 असम राइफल्स के सीओ सहित पांच बहादुर सैनिकों और उनके परिवार के दो सदस्यों को खो दिया है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.’’

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