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स्टार प्रचारक की लिस्ट से बाहर होने के बाद बोले मनीष तिवारी- मेरा नाम होता तो आश्चर्य होता

पंजाब की सियासत में लगातार कुछ न कुछ नया हो रहा है. राज्य में जारी चुनावी अभियान के बीच सत्तारुढ़ कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर संघर्ष चल रहा है तो वहीं पार्टी की ओर से 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी होने के बाद नए सिरे से विवाद शुरू हो गया है क्योंकि इसमें राज्य के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी का नाम नदारद है. अपना नाम नहीं होने पर मनीष तिवारी ने तंज भी कसा है.

कांग्रेस ने कल शुक्रवार को पार्टी के 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की तो वह भी विवादों में आ गई क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी का नाम इसमें नहीं था. स्टार प्रचारकों की लिस्ट से मनीष का नाम बाहर किए जाने के पीछे उनके मुखर तेवर को कारण बताया जा रहा है.

आश्चर्य तब होता जब मेरा नाम होताः मनीष तिवारी

अपना नाम लिस्ट से बाहर किए जाने पर मनीष तिवारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘मुझे आश्चर्य होता अगर मेरा नाम वहां होता; अब आश्चर्य नहीं कि यह वहां नहीं है. वजह तो सभी जानते हैं. जहां तक ​​हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा. कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता.’

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं है. यह सच है कि शायद उस समय सुनील जाखड़ को रोकने के लिए दिल्ली में बैठे किसी ‘मठाधीश’ ने इतनी संकीर्ण मानसिकता का इस्तेमाल किया होगा. इससे पहले वह ट्वीट के जरिए भी अपनी बात कह चुके हैं.

स्टार प्रचारकों की लिस्ट में गुलाम सोनिया-राहुल शामिल

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट सौंपी है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , राहुल गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री भूपेल बघेल के अलावा पंजाब के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम भी शामिल है. इसमें अंबिका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा, सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिट्टू, रमिंदर आंवला, राजा वडिंग और तेजिंदर सिंह बिट्टू भी शामिल किए गए हैं, लेकिन आनंदपुर से सांसद मनीष तिवारी का नाम गायब हैं. मनीष तिवारी पंजाब के 8 कांग्रेस सांसदों में से एकमात्र हिंदू सांसद हैं. जबकि हिंदुओं की पंजाब में करीब 40 फीसदी आबादी रहती है.

पंजाब में 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है. कोरोना प्रोटोकॉल के बीच राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को आकर्षित करने करने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी हुई हैं. चुनाव आयोग ने रोड शो, पदयात्रा, वाहन रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध 11 फरवरी तक लगा रखा है, थोड़ी ढील जरुर दे रखी है.

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