करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे को लेकर एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने हैं. सूत्रों के मुताबिक पंजाब सरकार की ओर से गृह मंत्रालय को पहले जत्थे में 50 लोगों को साथ ले जाने की अनुमति थी, लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने साथ अपने कुछ करीबी कैबिनेट मंत्रियों और उनके परिवारों के साथ अपने परिवार को लेकर चले गए.
पंजाब सरकार की और से नवजोत सिंह सिद्धू का नाम इस इस जत्थे के साथ जाने के लिए गृह मंत्रालय को अप्रूवल के लिए भेजा ही नहीं गया. सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू को देर रात पंजाब सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि वो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ जा रहे दल में शामिल नहीं हैं और उन्हें गुरुपर्व के अगले दिन 20 नवंबर को करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाने की परमिशन मिली है.
मुख्यमंत्री के डेलिगेशन के साथ जाने को लेकर पूरी तैयारी कर चुके थे सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री के डेलिगेशन के साथ जाने को लेकर पूरी तैयारी कर चुके थे और काफी उत्साहित थे. नवजोत सिंह सिद्धू का नाम उन 14-14 लोगों के दलों की लिस्ट में रखा गया है जो पंजाब सरकार की और से 19 और 20 नवंबर को करतारपुर साहिब जाएंगे, जबकि मुख्यमंत्री के डेलीगशन की लिस्ट से नवजोत सिंह सिद्धू का नाम पंजाब सीएम हाउस की तरफ से ऐन वक्त पर बाहर कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू इस पूरे घटनाक्रम से काफी नाराज हैं और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी बात रख सकते हैं.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने करतारपुर कॉरिडोर दोबारा खोले जाने के फैसले का स्वागत किया था और कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल उस ‘जत्थे’ का हिस्सा होगा जो 18 नवंबर को पाकिस्तान में गुरुद्वारे का दौरा करेगा. करतारपुर कॉरिडोर, पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. दरबार साहिब में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव ने अपने जीवन के अंतिम साल बिताए थे.
अमित शाह ने की थी करतारपुर कॉरिडोर दोबारा खोलने की घोषणा
मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करतारपुर कॉरिडोर को दोबारा खोले जाने की घोषणा की थी. अमित शाह ने कहा कि ये फैसला गुरु नानक देव जी और सिख समुदाय के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एक बड़ा फैसला जो लाखों सिख श्रद्धालुओं को लाभ पहुंचाएगा, नरेंद्र मोदी सरकार ने कल, 17 नवंबर से करतारपुर साहिब गलियारे को फिर से खोलने का निर्णय किया है.