हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लटकाए जाने और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। विधानसभा परिसर के मुख्य गेट नंबर एक की बाहरी तरफ ये झंडे लटके मिले, जिन्हें अब प्रशासन ने हटा दिया है। कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक कुशल शर्मा ने कहा, यह घटना संभवत: देर रात या आज सुबह-सुबह हुई होगी। हमने विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटा दिए हैं। हम इसकी जांच कर रहे हैं और इस संबंध में मामला दर्ज करने जा रहे हैं।
धर्मशाला की उपजिलाधिकारी शिल्पी ब्रेकता ने कहा, हमें आज सुबह करीब साढ़े सात बजे यह सूचना मिली। हमने झंडे हटा दिए हैं और दीवारों को फिर से रंगा गया है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने जा रहे हैं। यह हमारे लिए बेहद सतर्क होने का समय है। पन्नू पर यूएपीए के तहत केस दर्ज : इस बीच, इस मामले में पुलिस ने रविवार को ही ‘सिख फॉर जस्टिस‘ संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया।
राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील के अंतर्गत कानेद गांव के राम चंद उर्फ अजय कुमार की शिकायत पर पन्नू और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही डीजीपी ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है।
भाजपा की विफलता का प्रमाण : सिसोदिया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे मिलने के मामले में आम आदमी पार्टी ने रविवार को भाजपा पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर खालिस्तानी झंडे लगाकर चले गए। जो सरकार विधानसभा ना बचा पाए, वो जनता को कैसे बचाएगी। ये हिमाचल की आबरू का मामला है, देश की सुरक्षा का मामला है। भाजपा सरकार पूरी तरह विफल हो गई है।