कोरोना से मौतों पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा न देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों को फटकार लगाते हुए मानवीय रुख अपनाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि महाराष्ट्र में अभी तक एक भी व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया है. साथ ही कहा कि ये हास्यास्पद है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के हलफनामे पर भी नाराजगी जताई और कहा कि राज्य सरकार को तुरंत मुआवजा भुगतान करना शुरू करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोर्ट की तरफ से काम करने के लिए मजबूर करने के बाद ही राज्य सरकारें जागीं और ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया, उत्तर प्रदेश में 22,000 मौतें हुई, 16,518 आवेदन प्राप्त हुए और 9,372 को मुआवजा मिला.
10 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी. पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि दो हफ्ते के भीतर एक ऑनलाइन पोर्टल को तैयार किया जाएगा. इसके जरिए कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजानों द्वारा मुआवजे के लिए दावा किया जा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत से लोग हैं, जिन्होंने कोरोनावायरस महामारी की वजह से अपने रिश्तेदारों को खो दिया. इन लोगों को अभी भी मुआवजे की योजना के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में सरकारों को व्यापक प्रचार करना चाहिए.
परिवारों को 50,000 रुपए का मुआवजा देंगी राज्य सरकारें
सितंबर में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोविड की वजह से जान गंवाने वाले परिवारों को राज्य सरकारें 50,000 रुपए का मुआवजा देंगी. अदालत को ये भी बताया गया था कि ये मुआवजा कोरोना से अब तक जान गंवाने वाले लोगों सहित भविष्य में इसका शिकार होने वाले लोगों तक को दिया जाएगा.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर कहा था कि इस पैसे का भुगतान राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा. इसके लिए राज्य अपने संबंधित आपदा प्रतिक्रिया कोष का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या जिला प्रशासन के माध्यम से इस पैसे को वितरित किया जा सकता है. अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा था कि भविष्य में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों को भी अगली नोटिफिकेशन तक मुआवजा दिया जाता रहेगा. साथ ही कहा था कि ये मुआवाजा उन लोगों को भी दिया जाएगा, जो लोग कोरोना के बचाव कार्यों में जुटे हुए थे और संक्रमण के चलते उनकी मौत हो गई.