उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी में खाद्य और दवाओं की जांच का बढ़ेगा दायरा, मिलावटखोरों को जल्दी मिलेगी सजा

उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच के मामलों में तेजी लाने के लिए योगी आदित्यानाथ सरकार राज्य में लैबों की संख्या बढ़ाने जा रही है. इससे राज्य में जांच में तेजी आएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करनी आसान होगी. जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी मंडल मुख्यालयों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाएं और मंडल कार्यालय होंगे. वहीं छह और मंडलों में लैब और कार्यालयों शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है.

राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के अलीगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, बांदा, मुरादाबाद और आजमगढ़ मंडल में लैब जल्द ही शुरू की जाएंगी. इसके बाद खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच करनी आसान होगी और जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. लैब के निर्माण के लिए सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है.

दरअसल राज्य की योगी सरकार ने खाद्य पदार्थों और दवाओं के नमूनों की जांच के लिए प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा की थी, अभी तक राज्य में आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी के छह मंडलों में ये जांच के लिए लैब हैं और अन्य जिलों से सैंपल इन लैब में भेजे जाते हैं. जिसके कारण जांच में देरी होती है. वहीं समय ज्यादा लगने के कारण कई बार सैंपल खराब हो जाते हैं और इसके कारण दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो पाती है.

योगी सरकार ने दी अनुमति

वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की प्रमुख सचिव खाद्य एवं औषधि प्रशासन अनीता सिंह ने बताया कि अलीगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, बांदा, मुरादाबाद, आजमगढ़ में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला और मंडल कार्यालय स्थापित करने करने के लिए अनुमति मिल गई है और प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के आदेश जारी किए हैं. जिसके बाद जल्द ही इन जिलों में लैब शुरू हो जाएंगी और अन्य लैब में दबाव भी कम होगा.

राज्य के छह जिलों में खुलेंगे लैब

राज्य के छह मंडलों में फूड एंड ड्रग लैब और मंडल कार्यालय स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. जानकारी के मुताबिक अलीगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, बांदा, मुरादाबाद और आजमगढ़ में लैब को शुरू किया जाएगा.

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